गोरखपुर:उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में मंगलवार (26 मई) को दो अलग-अलग जगहों पर रहस्यमयी तरीके से 500 से ज्यादा चमगादड़ मरे मिले। इतनी बड़ी संख्या में चमगादड़ों की मौत को लेकर सनसनी फैल गई है। ग्रामीण इस घटना को कोरोना वायरस संक्रमण से जोड़कर देख रहे हैं। लोगों में अनजान वायरस फैलने का भी शक है। गोरखपुर के बेलघाट इलाके और गोला इलाके में रहस्यमयी तरीके से मृत मिले हैं।

वन विभाग को आशंका है कि अत्यधिक गर्मी और पानी न मिलने की वजह से ये चमगादड़ मर गए होंगे। बहरहाल, इन मृत चमगादड़ों को पोस्टमार्टम और रिसर्च के लिए बरेली स्थित भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) (वेट रिसर्च सेंटर) भेज दिया गया है।

बेलघाट के पंकज शाही ने कहा, “मैंने अपने बगीचे में सुबह देखा कि आम के पेड़ के नीचे बड़ी संख्या में चमगादड़ मरे पड़े हैं। मेरे बाग से सटा हुआ एक और बाग है, वहां भी खासी संख्या में चमगादड़ मरे पड़े थे।

शाही ने बताया कि उन्होंने इस बारे में वन विभाग को सूचना दी और उसकी टीम मृत चमगादड़ों को पोस्टमार्टम के लिए ले गई है। टीम के सदस्यों का भी कहना है कि बाग में पानी रखा जाए क्योंकि वे चमगादड़ बेइंतहा गर्मी की वजह से मरे हैं।

प्रथम दृष्टया में ऐसा लगता है इन कि चमगादड़ों की मौत अत्यधिक गर्मी और आसपास पानी ना मिलने की वजह से हुई। पास पड़ोस के तालाब भी सूखे हुए हैं। इस बीच, प्रभागीय वन अधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इन चमगादड़ों की मौत का असल कारण पता लग पाएगा।

नवभारत टाइम्समें छपी रिपोर्ट के आधार पर बेलघाट और गोला इलाके के गोपलापुर से चमगादड़ों के मरने की खबर आई है। गोला इलाके में यूकेलिप्टस के पेड़ों पर रह रहे करीब 250 चमगादड़ मरे मिले थे। हालांकि वहां पर दो दिनों से ऐसा हो रहा है। बेलघाट की घटना के बाद इसे नोटिस में लिया गया।

इसी तरह की घटना में, बिहार के पशुपालन विभाग के डॉक्टरों ने मंगलवार (26 मई) को भोजपुर जिले में आरा के पास चमगादड़ों की बड़े पैमाने पर मौत की रिपोर्ट की पुष्टि की है। जांच के लिए चमगादड़ों के सैंपल को पटना भेजा गया है और डॉक्टरों ने कहा कि उनकी मौत का कारण जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकता है।