नई दिल्लीः अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सोमवार को कहा कि वह अवमानना मामले में उच्चतम न्यायालय की तरफ से लगाया गया एक रुपये का सांकेतिक जुर्माना भरेंगे लेकिन यह भी कहा कि वह आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर कर सकते हैं।

ट्वीट को लेकर चल रहा था मामला
भूषण पर अवमानना का मामला न्यायपालिका के खिलाफ उनके ट्वीट को लेकर चल रहा था। अधिवक्ता-कार्यकर्ता ने कहा कि वह न्यायपालिका का बहुत सम्मान करते हैं और उनके ट्वीट शीर्ष अदालत या न्यायपालिका का अपमान करने के लिए नहीं थे। भूषण ने प्रेस वार्ता में कहा, “ पुनर्विचार याचिका दायर करने का मेरा अधिकार सुरक्षित है , मैं अदालत द्वारा निर्देशित जुर्माने को अदा करने का प्रस्ताव देता हूं।”

पुनर्विचार याचिका का मेरा अधिकार
शीर्ष अदालत द्वारा जुर्माना लगाए जाने के कुछ घंटों बाद उन्होंने कहा, “दोषी ठहराए जाने और सजा के खिलाफ उचित कानूनी उपाय के जरिये पुनर्विचार याचिका का मेरा अधिकार जहां सुरक्षित है, वहीं मैं इस आदेश को उसी तरह स्वीकार करता हूं जैसा मैं किसी दूसरी कानूनी सजा को स्वीकार करता और मैं सम्मानपूर्वक जुर्माना अदा करूंगा ।”

उच्चतम न्यायालय के लिये मन में सम्मान
भूषण ने यहां सीजेएआर (कैम्पेन फॉर ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स) और स्वराज अभियान द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “उच्चतम न्यायालय के लिये मेरे मन में बेहद सम्मान है।