राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज एक चैनल के मंच पर सचिन पायलट को खुले आम गद्दार कहा.गेहलोत ने कहा कि हाईकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकता, एक ऐसा शख्स, जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं, जिसने पार्टी को धोखा दिया, वो राजस्थान का सीएम नहीं बन सकता। अशोक गहलोत ने संभवतः हिन्दुस्तान में ऐसा पहली बार हुआ होगा, जब एक प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार गिराने की कोशिश की. अशोक गहलोत ने साथ में यह भी कहा कि इस बगावत को ‘भारतीय जनता पार्टी ने फंड किया था’ और इसके पीछे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित BJP के वरिष्ठ नेता शामिल थे.

बता दें कि 2020 में राजस्थान के डिप्टी CM रह चुके सचिन पायलट 19 विधायकों को लेकर दिल्ली के निकट एक पांच-सितारा रिसॉर्ट में पहुंच गए थे. यह कांग्रेस को सीधी चुनौती थी कि या तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए, या वह कांग्रेस छोड़कर चले जाएंगे. लेकिन यह चुनौती नाकाम साबित हुई, क्योंकि पायलट को अशोक गहलोत ने उन्हें आसानी से पटखनी दे दी थी. सचिन पायलट को इस नाकामी के बाद नतीजा भी भुगतना पड़ा था. उन्हें पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के साथ के साथ ही उपमुख्यमंत्री के पद से भी हटा दिया गया.

एक टीवी चैनल के साथ अइंटरव्यू में अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि उस बगावत के दौरान सचिन पायलट ने दो वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की थी. गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट कैम्प के लोगों से मिलने के लिए धर्मेंद्र प्रधान पहुंचे थे, जबकि कांग्रेस की तरफ से बातचीत के लिए भेजे गए नेताओं को मुलाकात नहीं करने दी गई. सचिन पायलट बाद में कांग्रेस में लौट आए थे, उनका कद भले ही कम हो गया था, लेकिन सूबे के शीर्ष पद पर पहुंचने की उनकी ख्वाहिश अब भी बरक़रार है.