टीम इंस्टेंटखबर
सपा नेता आजम खान को इलाहाबाद हाई कोर्ट से 72 वे मामले में लम्बे समय बाद जमानत दे दी गई है. कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को मंजूर कर दिया है.

जिस मामले में आजम खान की जमानत याचिका मंजूर हुई है वो वक्फ बोर्ड की संपत्ति गलत तरीके से कब्जा करने को लेकर है. इस मामले में आखिरी बार पांच मई को सुनवाई हुई थी. तब फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था. लेकिन अब सपा नेता को आखिरकार इस मामले में राहत दे दी गई है.

इससे पहले उन्हें 71 मामलों में पहले ही जमानत दी जा चुकी है.

हालाँकि ये जमानत मिलने के बाद भी आजम खान जेल से बाहर अभी नहीं आ पाएंगे क्योंकि फैले को सुरक्षित रखने के दौरान ही एक बीजेपी नेता ने उनके खिलाफ रामपुर पब्लिक स्कूल की बिल्डिंग का सर्टिफिकेट फ़र्ज़ी बनवा कर मान्यता प्राप्त करने की शिकायत दर्ज कराई थी.

इस नए मामले में 19 मई को रामपुर कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है. अगर ये मामला भी पिछले केसों की तरह ज्यादा लंबा खिचता है तो दो साल बाद भी आजम खान सीतापुर जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को इसी साल जनवरी में 23 महीने बाद सीतापुर जिला कारागार से बाहर आने का मौका मिल गया था, तब उन्हें 43 मामलों में जमानत दी गई थी.

वैसे इन दिनों आजम खान अपने आप में एक राजनीतिक मुद्दा बने हुए हैं . आजम खान के मीडिया सलाहकार फसाहत अली ने अखिलेश यादव पर बड़ा आरोप लगा दिया है. उन्होंने दावा कर दिया कि सपा प्रमुख नहीं चाहते कि आजम खान जेल से बाहर आएं. वहीँ शिवपाल भी आज़म के साथ नया राजनीतिक खोलना कहते हैं, कांग्रेस ने भी आज़म खान को दावत दी हुई है.