लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर अक्सर विवादित बयान देते रहते हैं। एक बार फिर से राजभर ने बयान दिया है लेकिन इस बार उनके ​निशाने पर समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह के छोटे भाई और पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव हैं। राजभर ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के संयोजक शिवपाल सिंह यादव को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का छोड़ा हुआ सरकारी बंगला देने पर निशाना साधा है।

राजभर ने कहा,” शिवपाल सिंह यादव को जेड प्लस सुरक्षा और बंगला देना साफ संदेश देता है कि उन्हें भाजपा का संरक्षण हासिल है और वह भाजपा के लिए काम करना शुरू कर चुके हैं।” वैसे बता दें कि राजभर पहले भी शिवपाल यादव को बंगला दिए जाने के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।

रविवार (14 अक्टूबर) को कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के संयोजक शिवपाल सिंह यादव को मायावती वाला बंगला आवंटित किए जाने का राज खोला था। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) को कमजोर करने के लिए शिवपाल से नजदीकी बढ़ाई जा रही है और दावा किया कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार तय है।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष राजभर ने बलिया के रसड़ा स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सपा को कमजोर करने के लिए शिवपाल यादव को आवास आवंटित किया गया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा,”शिवपाल को तो सरकार भाजपा का कार्यालय भी आवंटित कर सकती है।” मंत्री ने कहा, “सरकार हमें कार्यालय नहीं दे रही, जबकि हम 2017 से कार्यालय की मांग कर रहे हैं। शायद सरकार को हमें कार्यालय देने में डर लगता है। ये लोग हमें हल्के में ले रहे हैं, लेकिन इन्हें चुनाव के बाद सब समझ में आ जाएगा कि शिवपाल यादव भारी हैं या मेरे पास ज्यादा ताकत है।”

राजभर ने अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार होने का दावा किया और कहा कि गोरखपुर, फूलपुर व कैराना से हार का आगाज हो चुका है। यदि सरकार की ऐसी ही कार्यशैली रही तो लोकसभा चुनाव में भाजपा का बुरा हश्र होगा। उन्होंने कहा कि हाल यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का नौकरशाह पालन नहीं कर रहे हैं। जनता की शिकायतों का भी सही तरीके से निस्तारण नहीं हो रहा है। नौकरशाही शिकायत के निस्तारण की केवल खानापूर्ति कर रहे हैं।

मंत्री ने पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर कहा कि पुलिस गरीब को उसके घर से उठाती है, उसका दो बार चालान करती है, फिर एनकाउंटर हो जाता है। अपने विभाग के एक मामले का उदाहरण देते हुए राजभर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अन्य पिछड़ा वर्ग के शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए 84 करोड़ रुपये एक माह में जारी करने का निर्देश दिया है, लेकिन ढाई महीने के बाद भी यह धनराशि जारी नहीं हो सकी है।