राम स्नेही घाट तहसील परिसर स्थित मस्जिद की शहादत में शामिल अधिकारियों पर हो कड़ी कार्रवाई

लखनऊ: जिला प्रशासन द्वारा बाराबंकी जिले के राम स्नेही घाट तहसील परिसर में 100 साल पुरानी गरीब नवाज़ मस्जिद की शहादत अत्यंत निंदनीय है। वह भी ऐसे समय में जब हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया था कि 31 मई तक ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। जिला प्रशासन की यह कार्रवाई जहां देश के एक बड़े तबके के खिलाफ पक्षपातपूर्ण कार्रवाई है, वहीं यह न्यायालय का खुला हुआ उल्लंघन भी है। जमात-ए-इस्लामी हिन्द पूर्वी यूपी इसकी कड़ी निंदा करती है।
जमात-ए-इस्लामी हिन्द पूर्वी यूपी के अमीर डॉ मलिक मोहम्मद फैसल ने अपने बयान में सुन्नी वक्फ बोर्ड के रुख का समर्थन करते हुए सरकार से दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और मस्जिद के पुनर्निर्माण की मांग की है।
डॉक्टर मलिक ने कहा कि जिला प्रशासन की इस तरह की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई बेहद निंदनीय और देश के संविधान के खिलाफ है, क्योंकि संविधान सभी धर्मों के अनुयायियों को अपने धर्म का पालन करने की पूर्ण स्वतंत्रता देता है। इस कार्यवाही से स्पष्ट है कि यह योजनाबद्ध तरीके से किया गया था और मस्जिद की जगह पर एक भी ईंट नहीं बची थी और इसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया था और यह कार्यवाही ऐसे समय में की गई जब पूरा देश कोरोना जैसी खतरनाक महामारी से जूझ रहा है। प्रशासन को लोगों के इलाज पर ध्यान देना चाहिए था और ऐसा करने के बजाय उसने कायरतापूर्ण और असंवैधानिक कदम उठाकर एक मस्जिद को शहीद कर दिया।