लखनऊ: हाथरस काण्ड में सीबीआई द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के घटनाक्रम पर आज कांगे्रस विधान मण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि हाथरस काण्ड में सी.बी.आई. की चार्जशीट ने उत्तर प्रदेश सरकार के कथन को झूठा साबित कर दिया है और उत्तर प्रदेश सरकार की सच छिपाने की साजिश को नाकाम कर दिया है ।

नेता, कांगे्रस विधान मण्डल ने कहा है कि अब यह साबित हो गया है कि हाथरस की बिटिया के साथ निर्दयतापूर्वक बलात्कार किया गया, उसे यातनायें दी गयी और उसे मारा गया । मैं आभार व्यक्त करना चाहती हूँ उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ का, जिन्होंने सी.बी.आई. जांच की माॅनिटरिंग की।

आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि मैं मांग करती हूँ कि जब हत्या और बलात्कार की सच्चाई सामने आ गयी है तो रात्रि के अंधेरे में हिन्दू संस्कारों के खिलाफ मां- भाई और परिजनों को बन्द करके जिसने चिता जलाई, और साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया, उन सभी के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा – 201 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज करके उनके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की जानी चाहिए।

नेता, कांगे्रस विधान मण्डल दल ने कहा है कि जिस भारतीय जनता पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में है उसी की केन्द्र में भी सरकार है । चूँकि सी.बी.आई. सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है अतः जब सी.बी.आई. ने चार्जशीट दाखिल कर दी है तो क्या उत्तर प्रदेश सरकार अपनी जवाबदेही मानते हुये नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र देगी ?

नेता, कांगे्रस विधान मण्डल दल ने कहा है कि इससे यह भी साबित हो गया है कि न जाने कितनी बेटियां, जिनका बलात्कार हुआ, और हत्यायें हुई, और उनको न्याय नहीं मिला, काश! यदि उन्हें भी न्यायालय का साथ मिल गया होता तो उन्हें भी न्याय मिल गया होता ।

प्रेसवार्ता में ओंकारनाथ सिंह, डा0 उमा शंकर पाण्डेय, अनु0जाति विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद भी मौजूद रहे।