लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष पंकज मलिक ने 69 हजार शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे ’प्रयागराज एसएसपी सत्यार्थ अनुरुद्ध पंकज को हटाए पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा’ कि यह सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है लेकिन गले तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। 69 हजार शिक्षक भर्ती की जांच कर रहे प्रयागराज के एसएसपी को हटाया जाना इस बात का प्रमाण है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार की नियत ठीक नहीं है। इस सरकार में शामिल कई बड़े चेहरे इस घोटाले के खिलाड़ी हैं। योगी आदित्यनाथ को डर था कि कहीं उन नेताओं का नाम न सामने आ जाये इसलिए अधिकारियों का तबादला किया जा रहा है। यह सरकार भ्रष्टाचारी गिरोह से संचालित हो रही है।

जारी बयान में उपाध्यक्ष पंकज मलिक ने बताया कि सरकार सच का गला घोंट रही है। गाजियाबाद के पुलिस अधिकारी ने पोस्टिंग-ट्रांसफर में व्याप्त लेन देन पर सवाल उठाया। वह दमन का शिकार बने। पीपीई किट घोटाले पर एक पत्रकार साथी ने सवाल उठा दिया तो पुलिस उन्हें प्रताड़ित करने लगी। केजीएमयू मेडिकल कॉलेज में सवाल उठा वहां भी सरकार का रैवया दमनकारी रहा। अभी एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ने कोरोना टेस्टिंग की मांग की तो उनपर एफआईआर किया गया।

उन्होंने कहा कि अब भर्ती घोटाले की जांच कर रहे प्रयागराज एसएसपी को हटाया गया। सुनने में आ रहा है कि कोरोना का सरकार बहाना बना रही है। यह कौन सी नियमावली है कि अगर कोई बीमार है तो उसे हटा दिया जाए।

उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि प्रयागराज में जिस वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लाया गया है। ये एसएसपी महोदय वही हैं जो सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए अंधभक्तों के साथ थाली पीट रहे थे।

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष श्री पंकज मलिक ने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचारियों के गिरोह से संचालित हो रही है। खुलेआम युवाओं-नौजवानों के सपनों के हत्यारों को बचाने की साजिश रची गयी है। यह ताबदला नहीं, बल्कि शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल लोगों को बचाने की कोशिश है।