लखनऊ
हाल में उजागर हुए आयुष भर्ती घोटाले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा कि सीबीआई जांच की प्रदेश सरकार ने जो सिफारिश की है, इसकी निगरानी हाईकोर्ट करे और निश्चित समय सीमा में जांच पूरी हो जिससे दोषियों को कठोर सजा दिलाई जा सके। प्रेस को जारी बयान में युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा कि लोक सेवा आयोग में भर्तियों की सीबीआई जांच अभी तक बेनतीजा रही है। इसी तरह एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती, 69000 व 68500 शिक्षक भर्ती, यूपीएसआई-2021, राजस्व लेखपाल भर्ती आदि में हुए रिकॉर्ड धांधली पर सरकार द्वारा न सिर्फ लीपापोती करने की हरसंभव कोशिश की गई बल्कि दोषियों को बचाया गया। अगर प्रदेश में शिक्षा माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों के गठजोड़ पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कार्यवाही की गई होती तो लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ न होता और आयुष घोटाला जैसे तमाम भर्ती घोटालों व भ्रष्टाचार-भाईभतीजावाद को रोका जा सकता था। कहा कि फर्जीवाड़ा कर 891 अभ्यर्थियों का चयन बेहद गंभीर मामला है। यहां तक कि नीट परीक्षा में शामिल हुए बिना तमाम अभ्यर्थियों का चयन हुआ। इतना बड़ा घोटाला प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता के बगैर संभव नहीं दिखता। इसलिए इसकी जिम्मेदारी सरकार लेना चाहिए और आयुष मंत्री को तत्काल पदमुक्त किया जाना चाहिए। दरअसल योगी सरकार में न सिर्फ चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार व धांधली बदस्तूर जारी है बल्कि इसमें पूर्व वर्ती सरकारों की तुलना में इजाफा भी हुआ है। जिन भर्तियों में खुलेआम परीक्षा के पूर्व साल्वड पेपर इंटरनेट में वायरल हो गये, मीडिया में इसे प्रकाशित किया गया, पेपर लीक के तमाम सबूतों के बावजूद सरकार द्वारा पेपर लीक से इंकार किया गया। इसी तरह राजस्व लेखपाल भर्ती परीक्षा में एसटीएफ रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 15 हजार से ज्यादा संदिग्ध अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए लेकिन इसे भी सामान्य परिघटना के बतौर लिया जा रहा है। कहा कि रोजगार के सवाल पर जारी मुहिम में आयुष घोटाला समेत चयन प्रक्रिया को पारदर्शिता के सवाल को भी मजबूती से उठाया जायेगा।