लखनऊ ब्यूरो
इमामबाड़ा ग़ुफ़रानमॉब में दूसरी मुहर्रम की मजलिस को ख़िताब करते हुए मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने अहमियते अज़ादारी पर गुफ्तुगू की।

मौलाना ने कहा कि अज़ादारी को बिला तफरीक़ तमाम मुसलमान मनाते है, अलबत्ता कुछ नासबी लोग है जो एक जमाअत से जुड़े हुए है वो अहलेबैत दुश्मनी में अज़ादारी से दूर है। वरना अहलेसुन्नत वल जमाअत की अकसरियत इमाम हुसैन अ.स की अज़ादार है। इसलिए हमारे तमाम ज़ाकरीन और ख़ुतबा को इस बात का ख्याल रखना चाहिए के उन तमाम अज़ादारों के जज़्बात का एहतेराम करें जो इमाम हुसैन अ.स का ग़म मनाते हैं।

मौलाना ने कहा कि इमाम हुसैन अ.स ज़ाहिरी और बातिनी दोनों तरह से जीते हैं और यज़ीद हर मोर्चे पर हारा है, यह कहना गलत और निराधार है कि इमाम हुसैन अ.स को बातिनी जीत हुई और यज़ीद को ज़ाहिरी तौर पर जीत मिली।

यह बात कहने से पहले कर्बला के इतिहास और यज़ीद के उद्देश्य का अध्ययन ज़रूर कर लें। क्योंकि यज़ीद का मक़सद ये था कि हुसैन अ.स उसके हाथ पर बयत कर लें। इमाम हुसैन अ.स क़त्ल तो हो गये मगर यज़ीद की बयत नहीं की तो फिर यज़ीद को ज़ाहिरी तौर पर भी जीत कहा हासिल हुई? मजलिस के अंत में मौलाना ने कर्बला में इमाम हुसैन अ.स के दाखिले का ज़िक्र किया और इमाम की शहादत का भी संक्षेप में ज़िक्र किया।