तौक़ीर सिद्दीक़ी

पाकिस्तान और न्यूज़ीलैण्ड से मिली हार के बाद टी 20 विश्व कप में भारत का अफ़ग़ानिस्तान के खिलाफ बेहद अहम् मैच आज आबू धाबी में खेला जाना है. टीम इंडिया के लिए यह मैच करो या मरो वाला है क्योंकि इस मैच में जीत के बाद ही भारत के लिए सेमीफाइनल का कोई मौका बन सकता है. इस मैच के नतीजे पर ग्रुप 2 से अंतिम चार के लिए दूसरी टीम का फैसला काफी कुछ निर्भर है.

टीम इंडिया के लिए यह मैच एक तरह से सम्मान की लड़ाई भी है. हालाँकि दोनों के बीच ज़्यादा मुकाबले नहीं हुए हैं फिर भी रिकॉर्ड के मुताबिक जो दो मुकाबले हुए हैं उनमें भारत को ही कामयाबी मिली है. दोनों के बीच पहला मुकाबला 2010 और दूसरा 2012 में हुआ यानि पिछले नौ वर्षों में दोनों ही टीमों का इस फॉर्मेट में आमना सामना नहीं हुआ. यकीनन इन बीते वर्षों में अफ़ग़ानिस्तान की टीम भी अब पहले जैसी नहीं रही. अब उसके पास इतने सालों का तजुर्बा आ गया और तजुर्बेकार खिलाड़ी भी, तो कह सकते हैं कि भारत के लिए अफ़ग़ानिस्तान की टीम भी पाकिस्तान या न्यूज़ीलैण्ड से कम नहीं।

चूँकि अब इस मैच की अहमियत पहले से कहीं ज़्यादा हो गयी है, सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए अफ़ग़ानिस्तान के पास भारत से कहीं ज़्यादा मौका है तो कहना गलत न होगा. मौजूदा हालात में उनके खिलाडियों का आत्मविश्वास भी बढ़ा है तभी तो मैच से पहले प्रेस कांफ्रेंस में अफ़ग़ानिस्तान के तेज़ गेंदबाज़ हामिद हसन भी गुर्राते नज़र आये और कहा कि उनके पास भारत को हराने का अच्छा मौका है. उन्होंने कहा कि पहले बल्लेबाज़ी करके अगर हमने एक अच्छा टोटल स्कोर कर दिया तो हमारे गेंदबाज़ आसानी से उसकी रक्षा कर सकते हैं.

हामिद की बात में दम भी है, अफ़ग़ानिस्तान के पास राशिद खान और मुजीब के रूप दो वर्ल्ड क्लास स्पिनर हैं और कप्तान मोहम्मद नबी भी तीसरे स्पिनर की भूमिका बड़े प्रभावी ढंग से निभा रहे हैं. नवीन के रूप में अफ़ग़ानिस्तान के पास एक चालाक पेसर है जिसने वर्ल्ड कप में अपनी छाप छोड़ी है, हामिद हसन के पास रफ़्तार भी है और अनुभव भी. बल्लेबाज़ी में भले ही उनके पास कोई बड़ा नाम न हो मगर मोहम्मद शहज़ाद, हज़रतउल्लाह ज़ज़ई, नज़ीबउल्लाह ज़दरान, मोहम्मद नबी, नौजवान रहमानउल्लाह गुरबाज़ और अनुभवी गुलबदीन नईब के रूप में काफी उपयोगी बैट्समैन हैं.

जहाँ तक विराट सेना की बात है तो उम्मीद करना चाहिए कि वह पिछला सबकुछ भूलकर सारा ध्यान इस मैच पर लक्षित करेगी और इसे एक नॉक आउट मैच की तरह लेगी, क्योंकि सारे अगर मगर इस मैच में जीत के बाद ही शुरू हो सकते हैं. हारे तो कहानी अपने आप ही ख़त्म हो जाएगी। अच्छी खबर यह है कि सूर्यकुमार फिट हो गए हैं और उनका टीम में खेलना लगभग पक्का है. टीम में कुछ और भी तब्दीलियों की बात सुनने में आ रही है, कहा जा रहा है कि अश्विन को मौका मिलेगा, पर सवाल है कि किसकी जगह? क्या शार्दुल फिर बेंच पर बैठेंगे या फिर पिछले मैच में अनफिट से लग रहे वरुण चक्रवर्ती टीम से बाहर होंगे।

बैटिंग आर्डर को लेकर भी सवाल हैं कि क्या फिर पुरानी लाइन अप वापस होगी या फिर कुछ और प्रयोग किये जायेंगे। खैर यह सब तो आज शाम को ही पता चलेगा। यह मैच चूँकि आबू धाबी में होना है जहाँ दुबई और शारजाह की बनिस्बत ज़्यादा ओस पड़ती है. कल नामीबिया के खिलाफ पाकिस्तान की गेंदबाज़ी भी संघर्ष करती नज़र आयी थी. हालाँकि इस मैच में टीम इंडिया को टॉस के लेकर ज़्यादा चिंता करने की ज़रुरत नहीं है क्योंकि अफ़ग़ानिस्तान की तरफ से लगभग साफ़ है कि टॉस जीतने पर वह बल्लेबाज़ी ही करेंगे इसलिए विराट सेना के पास लक्ष्य का पीछा करने का पूरा मौका है.

एक बात जो यहाँ पर कहनी ज़रूरी है, वह यह कि भारतीय मीडिया में आज एक खबर गश्त कर रही है कि विश्व कप के बाद विराट कोहली से वन डे की कप्तानी भी छीन ली जाएगी, टी 20 की कप्तानी छोड़ने का फैसला वह पहले ही कर चुके हैं. एक इतने बड़े टूर्नामेंट के बीच जब देश की टीम करो या मरो की पोजीशन में है, इस तरह की ख़बरें कहीं न कहीं कप्तान के और टीम के मोराल पर प्रभाव ज़रूर डालती हैं, भारत का इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पहले ही टीम इंडिया को अंडर प्रेशर कर चूका है और पिछले दोनों मैचों में उसका असर भी दिखा है. अगर दिख नहीं रहा होता तो विराट को यह कहते हुए न सुना जाता कि बाहर क्या हो रहा है इससे मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। बेशक पड़ता है तभी आप सफाई दे रहे हैं. कहने का मतलब यह है कि मीडिया इस तरह की बातों को अगर किसी और समय के लिए रख दे तो यह भारतीय टीम के लिए बहुत अच्छा होगा।

हम उम्मीद करते हैं कि आज अफ़ग़ानिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया बिना किसी दबाव के मैदान में उतरेगी और अपने पुराने रंग में नज़र आएगी। दोनों के बीच अबतक जो दो मैच हुए हैं उनमें भारत का अधिकतम स्कोर 159 रहा है. यानि दोनों मैचों में गेंदबाज़ ही हावी हुए हैं. आज के मैच भी कुछ ऐसा ही होने की उम्मीद है. देखना है किसके गेंदबाज़ हावी होते हैं या फिर मैच का नतीजा बल्लेबाज़ तय करेंगे। उम्मीदों के इस मैच में कौन भारी पड़ेगा यह कहना थोड़ा मुश्किल है पर मेरी शुभकामनाएं टीम इंडिया के साथ हैं. बेस्ट ऑफ़ लक विराट सेना