टीम इंस्टेंटख़बर
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट से मच रहे कोहराम के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सार्स-को-02 वायरस ऐसे ही म्युटेंट होता रहा तो डेल्टा से भी खतरनाक वैरिएंट सामने आ सकता है.

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि वैज्ञानिक अनुमानों के अनुसार, देश में तीसरी लहर पहले ही शुरू हो चुकी है और यह भी कहा जा रहा है कि इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर हो सकता है।

डॉ स्वामीनाथन ने कहा कि आईसीएमआर सेरोसर्वे के अनुसार, 65 प्रतिशत बच्चों और वयस्कों ने एंटीबॉडी विकसित की हैं। यह डेटा साबित करता है कि बच्चे भी कोविड से हल्के रूप से प्रभावित हुए हैं, हालांकि उनके संक्रमण हल्के रहे होंगे। इसलिए यह धारणा कि बच्चे तीसरी लहर में सबसे अधिक प्रभावित होंगे इसका कोई कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है क्योंकि बच्चे पहले की दो लहरों में प्रभावित नहीं हुए।

डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक ने कहा, ‘मुझे पता है कि हर कोई थक गया है, हर कोई अपने परिवार से मिलना चाहता है, पार्टियों का आयोजन करना चाहता है। लेकिन यह समय निराश होने का नहीं है। हमें अगले छह महीने तक सावधान रहना है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ये छह महीने वायरस खत्म होने के नहीं बल्कि वैक्सीन कवरेज बढ़ाने के लिए हैं।