दिल्ली:
कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के चुनाव चुनाव को लेकर हलचल तेज़ हो गयी है, फैसला कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर छोड़ दिया गया है. कांग्रेस आलाकमान की तरफ से नियुक्त तीनों पर्यवेक्षकों ने चुने गए 132 विधायकों की राय ली है। वोटिंग के जरिए विधायकों की राय ली गई और उसे बैलेट बॉक्स में बंद कर दिया गया है. अब AICC में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सामने बैलेट बाक्स के जरिए होगी राय शुमारी होगी। कांग्रेस सांसद व नेता के. सी. वेणूगोपाल और कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला भी दिल्ली वापसी कर रहे हैं। बताया जा रहा है सीएम पद के लिए उम्मीदवार के नाम का ऐलान 17 मई को होगा। और शपथ ग्रहण समारोह 18 मई को होगा।

कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहाकि, हमने एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया है। हम इसे पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है। मैंने दिल्ली जाने का फैसला नहीं किया है,मेरा आज जन्मदिन है तो यहां पर पूजा है और मैं मंदिर जाऊंगा।

कर्नाटक के लिए नया सीएम चुनने में मदद करने के लिए कांग्रेस ने तीन पर्यवेक्षक नियुक्त किए। जिनमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह (एआईसीसी जीएस) और दीपक बाबरिया (पूर्व एआईसीसी जीएस) शामिल है। शिवकुमार और सिद्दरमैया दोनों का दावा मजबूत है। दोनों ही गांधी परिवार के बेहद करीब हैं। दोनों ही नेताओं को आज दिल्ली बुलाया गया है, सिद्धारमैया के दिल्ली रवाना होने की खबर है लेकिन डीके शिवकुमार दिल्ली नहीं जा रहे हैं.

कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटें में से 135 सीट पर कांग्रेस, 66 सीट पर भाजपा, 19 सीट पर जनता दल (सेक्युलर), दो सीटों पर निर्दलीय और एक-एक सीट पर कल्याण राज्य प्रगति पक्ष और सर्वोदय कर्नाटक पक्ष को जीत हासिल हुई है।