नई दिल्ली: बुधवार को WTC Final 2021 में न्यूजीलैंड के हाथों मिली हार के बाद न केवल करोड़ों भारतीय प्रशंसकों और पूर्व क्रिकेटरों में खासा रोष है, बल्कि कप्तान विराट कोहली ने मैच के बाद वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कह दिया है कि टेस्ट टीम में बदलाव किए जाएंगे और जीत के लिए खेलने वाले खिलाड़ियों को टीम में लाया जाएगा. निश्चित ही, कोहली के इस बयान के बाद कुछ खिलाड़ियों पर अब तलवार लटक गयी है. समझा जा रहा है कि इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज इनके लिए आखिरी मौका हो सकती है. या बीच में ही इलेवन से दूर किया जा सकता है. बहरहाल हम आपको उन खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं, जिनके लिए इस समय सबसे ज्यादा खतरा पैदा हो गया है और क्यों हो गया है.

विराट के बयान के बाद सबसे ज्यादा खतरा टीम इंडिया की दूसरी वॉल कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा पर मंडरा रहा है. जिस तरह की क्रिकेट विराट खेलना चाहते हैं, अब पुजारा के लिए यह कहकर पल्ला नहीं झाड़ा जा सकता कि यही ‘उनका खेलने का तरीका है’.पुजारा ने फाइनल में पहली पारी में 54 गेंदों पर 8 रन बनाए, तो दूसरी पारी में जब हालात के लिहाज से तेज रन बनाने की दरकार थी, तो पुजारा ने 80 गेंदों पर 15 रन बनाए. जाहिर है विराट ब्रांड क्रिकेट में अब पुजारा अनफिट हो चुके हैं.

भारतीय गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह ने सबसे ज्यादा निराश किया और अब उन पर खतरा मंडरा गया है. पिछले काफी लंबे समय से बुमराह उम्मीदों से बहुत पीछे रह जा रहे हैं. फाइनल में पहली पारी में सिर्फ वही थे, जिन्हें 26 ओवर डालने के बावजूद कोई विकेट नहीं मिला, तो दूसरी पारी में उनकी झोली खाली रही. इंग्लैंड दौरे में भारत कई युवा पेसरों को साथ लेकर गया है. कौन जानता है कि कब बुमराह इलेवन से बाहर हो जाएं और कोई युवा जगह बना ले.

यह सही है कि रहाणे WTC में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में अव्वल भारतीय रहे. रहाणे ने 18 टेस्ट में 3 शतक और 6 अर्द्धशतकों से 42.92 के औसत से 1159 रन बनाए हैं, लेकिन उनका 46.84 का स्ट्राइक-रेट ब्रांड विराट क्रिकेट में फिट नहीं बैठ रहा. हालांकि, वह टीम के उप-कप्तान हैं, लेकिन अब रहाणे को रन बनाने की गति के साथ ही स्थायित्वता पर ध्यान देना होगा. हालांकि, बाकी खिलाड़ियों की तुलना में रहाणे पर खतरा बहुत कम है. लेकिन उन्हें ब्रांड विराट क्रिकेट में फिट होने पर काम करना ही होगा. यह न भूलें कि केएल राहुल जैसा बल्लेबाज बाहर बैठा हुआ है.

यह सही है कि शुबमन गिल भारत का भविष्य हैं, लेकिन वह टीम की जरूरतों को पूरा नहीं कर सके. वहीं, एक धड़े ने यह सवाल उठाया कि आखिर बेहतरीन बल्लेबाजी करने वाले मयंक अग्रवाल की जगह गिल को क्यों खिलाया गया. वर्ल्ड चैंपियनशिफ में गिल ने 8 टेस्ट मे 31.84 के औत से 4414 रन बनाए. न तो औसत के पैमाने पर भी गिल खरे उतरे और न ही टीम को स्थायित्व साझेदारी देने के लिहाज से. अगर इंग्लैंड सीरीज में बतौर ओपनर मयंक की इंट्री हो जाती है, तो आप चौंकिएगा बिल्कुल मत.