साउथम्पटन: बुधवार को विश्व टेस्ट चॅम्पियशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों मिली 8 विकेट से हार के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टीम में बदलाव के संकेत देते हुए कहा कि टेस्ट टीम में सही लोगों को लाने की ज़रुरत है. विराट ने कहा कि प्रदर्शन की समीक्षा के बाद सही लोगों को लाया जाएगा, जो अच्छे प्रदर्शन के लिये सही मानसिकता के साथ उतरें. भारतीय बल्लेबाजों ने फाइनल खाससर दूसरी पारी में बहुत ही ज्यादा निराश किया जिससे टीम को आठ विकेट से पराजय झेलनी पड़ी. कोहली ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि कुछ खिलाड़ी रन बनाने का जज्बा ही नहीं दिखा रहे हैं. कोहली ने मैच के बाद आनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘हम आत्ममंथन करते रहेंगे और इस पर बात होती रहेगी कि टीम को मजबूत बनाने के लिये क्या करना चाहिये. एक ही ढर्रे पर नहीं चलेंगे.’ समझा जाता है कि कुछ सीनियर खिलाड़ियों को समय दिया जाएगा और इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन करके ही वे टीम में अपनी जगह बचा सकेंगे.

उन्होंने कहा, ‘हम एक साल तक इंतजार नहीं करेंगे. आप हमारी सीमित ओवरों की टीम देखें तो हमारे पास गहराई है और खिलाड़ी आत्मविश्वास से भरे हैं. टेस्ट क्रिकेट में भी इसकी जरूरत है.’ कोहली ने कहा, ‘हमें नये सिरे से समीक्षा करके योजना बनानी होगी और यह समझना होगा कि टीम के लिये क्या असरदार है और हम कैसे बेखौफ खेल सकते हैं. सही लोगों को लाना होगा जो अच्छे प्रदर्शन की सही मानसिकता के साथ उतरें.’ मौजूदा टीम प्रबंधन के लिये 80 गेंद में 50 रन 80 गेंद में 15 रन से अधिक कीमती है. अति रक्षात्मक मानसिकता से आने वाले बल्लेबाजों पर दबाव बनता है. केन विलियमसन ने पहली पारी में सात रन बनाये लेकिन दूसरी पारी में आखिरी सत्र में जरूरत के समय 80 गेंद में अर्धशतक जमाया.

कोहली ने कहा, ‘खेल में अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार जरूरी है. खासकर जब आप लगातार कई साल से नंबर एक टीम हैं तो अचानक आपका स्तर नहीं गिर सकता.’ उन्होंने कहा, ‘ हम ये फैसले लेंगे और इस पर बात करेंगे.’ उन्होंने न्यूजीलैंड जैसे शानदार गेंदबाजी आक्रमण के सामने रन बनाने के बारे में भी बात की. विराट बोले, ‘हमें इस पर काम करना होगा कि रन कैसे बनाये जायें. हमें मैच को अपने हाथ से निकलने नहीं देना है. मुझे नहीं लगता कि कोई तकनीकी परेशानी है.’

कोहली ने कहा, ‘यह जागरूकता की और गेंदबाजों का निडर होकर सामना करने की बात है. गेंदबाजों को लंबे समय तक एक ही जगह गेंदबाजी के मौके नहीं देने हैं बशर्ते गेंद जबर्दस्त स्विंग नहीं ले रही हो जैसा पहले दिन हुआ था.’ उन्होंने बल्लेबाजों से सुनियोजित जोखिम लेने और क्रीज पर डटे रहने के बीच संतुलन बनाने के लिये कहा. उन्होंने कहा, ‘फोकस रन बनाने पर होना चाहिये, विकेट गंवाने की चिंता पर नहीं. इसी तरह से विरोधी टीम पर दबाव बना सकते हैं वरना आप आउट होने के डर से खेलेंगे. आपको सुनियोजित जोखिम लेना ही होगा.’