नई दिल्ली: नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि कमजोर मांग आने वाले समय में बड़ी चुनौती होगी, इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों के हाथ में पैसा देकर मांग सुधारना बेहतर कदम होगा। इसके अलावा मौजूदा संकट के दौर में हर किसी को टेंपरेरी राशन कार्ड दे देना चाहिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ चर्चा में बनर्जी ने यह सुझाव दिया है। कांग्रेस ने करीब 27 मिनट का वीडियो जारी किया है, जिसमें राहुल गांधी और बनर्जी ने मौजूदा कोरोना संकट के कारण देश की अर्थव्यवस्था के सामने उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा की है।

बनर्जी का कहना है कि टेंपरेरी राशन कार्ड का इस्तेमाल आम लोगों को मनी ट्रांसफर और गेहूं-चावल देने में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में मांग बढ़ाने के लिए 60 फीसदी सबसे गरीब लोगों को ज्यादा पैसा दिया जाए तो यह अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इससे अर्थव्यवस्था को फायदा ही होगा। इससे कोई नुकसान होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि आधार के जरिये पीडीएस सुलभ कराने से गरीबों की तमाम दिक्कतें कम हो सकती हैं। अभी भी बड़ी संख्या में गरीबों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है।

अभिजीत बनर्जी का कहना है कि कोरोना के अप्रत्याशित संकट के समय में भी हम जीडीपी के मुकाबले एक फीसदी राशि राहत पैकेज पर खर्च करने के बारे में बात कर रहे हैं जबकि अमेरिका अपनी जीडीपी के मुकाबले 10 फीसदी खर्च करने की घोषणा कर चुका है। बनर्जी ने कहा कि मांग सुधारने के लिए नागरिकों के हाथ में ज्यादा पैसा देने के लिए भारत को अमेरिका, जापान और यूरोप से सीखना चाहिए। अमेरिका ने अपने यहां नागरिकों को कई बड़े पैकेजों की घोषणा की है। नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा कि भारत को राहत पैकेज की आवश्यकता है। अभी तक जो वित्तीय पैकेज दिया गया है, वह संकट और चुनौतियों को देखते हुए पर्याप्त नहीं है।