टीम इंस्टेंटखबर
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 1971 का युद्ध किसी क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए या ताकत हासिल करने के लिए नहीं बल्कि मानवता और लोकतंत्र की गरिमा की रक्षा करने के लिए लड़ा गया था।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध असल में एक ऐतिहासिक घटना थी जिसने दक्षिण एशियाई उपमहाद्वीप के भूगोल को बदल दिया। केवल 14 दिनों के अंदर युद्ध सफलतापूर्वक समाप्त हुआ और एक संप्रभु राष्ट्र बांग्लादेश का उदय हुआ था।
वायु सेना प्रमुख विवेक राम चौधरी ने कहा कि 1971 का युद्ध सैन्य लड़ाई के इतिहास में सबसे छोड़ी और तेज विजय थी। 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों का आत्मसमर्पण द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद किसी सेना भी सेना की ओर से किया गया अब तक का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण है।
उन्होंने कहा कि भारतीय बलों ने पश्चिमी और पूर्वी मोर्चों पर बेहतरीन समन्वय के साथ लड़ाई लड़ी और हवा में, जमीन पर और समुद्र में अपना कौशल दिखाया। पाक सेना को कम से कम समय में आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर करने के लिए भारतीय सेनाएंसभी क्षेत्रों पर हावी रही थीं।
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