वाराणसी: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जिसे क्योटो बनाने की बात कही गयी थी एक माँ को अपने बेटे की लाश को ले जाने के लिए एक एम्बुलेंस भी नसीब नहीं हुई, अपने जिगर के टुकड़े को उसे एक ऑटो रिक्शा में इस तरह ले जाना पड़ा कि देखकर बदन में सिहरन और मन सवालों का अम्बार उठ खड़ा हो. जी हाँ!ऐसा ही हृदयविदारक मामला सामने आया है जो किसी को भी झकझोर कर रख दे. वाराणसी की ये तस्वीर झकझोर देने वाली है और सिस्टम की असलियत को बयां करती है.

ई रिक्शा में शव ले गयी माँ
वाराणसी के BHU के सुंदरलाल चिकित्सालय में बुजुर्ग मां अपने बेटे की किडनी की समस्या के इलाज के लिए पहुंची थी. लेकिन वक्त पर इलाज नहीं हो पाया तो बेटे की मौत हो गई. मौत के बाद एम्बुलेंस नहीं मिली, तो शव को इस प्रकार पैरों के पास रखकर ई रिक्शा में ले जाना पड़ा.

इलाज के इंतजार में मौत
जानकारी के मुताबिक, जिस युवक की मृत्यु हुई है वह जौनपुर का निवासी है. ये मुंबई में काम करता था, लेकिन शादी के किसी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए यहां आया हुआ था. जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो वाराणसी इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन उसे यहां पर भर्ती नहीं किया गया. ऐसे में युवक की मौत इलाज के इंतजार में हो गई.

वाराणसी की बुरी हालत
गौरतलब है कि कोरोना संकट के कारण वाराणसी की बुरी हालत है, यहां अस्पतालों में बेड्स नहीं मिल रहे हैं और ऑक्सीजन की काफी किल्लत हो गई है. हालात ऐसे हो गए हैं कि बीते दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट को वाराणसी समेत पांच शहरों में लॉकडाउन लगाने के निर्देश देने पड़े. हालांकि, अभी यूपी सरकार ने लॉकडाउन लगाने से इनकार किया है. अगर वाराणसी जिले में कोरोना वायरस के आंकड़ों पर नज़र डालें तो यहां बीते दिन 2600 से अधिक केस सामने आए थे.