इंजीनियरिंग स्नातक और स्केलर के पूर्व छात्र, उत्कर्ष द्विवेदी ने स्केलर से कौशल उन्नयन (अपस्किलिंग ) के बाद तीन अंकों की वेतन वृद्धि हासिल की। प्रशिक्षु के रूप में शुरुआत करते हुए, उत्कर्ष ने अपने पेशेवर करियर में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए मेहनत की और सहजता से साइवेयर लैब्स में एक वरिष्ठ सॉफ्टवेयर इंजीनियर की भूमिका में पहुंच गए, जिससे अपस्किलिंग का महत्व ज़ाहिर होता है।उत्कर्ष द्विवेदी, लखनऊ के रहने वाले हैं और उनके पास लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक की डिग्री है। उत्कर्ष के माता-पिता ने उनकी शिक्षा के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उत्कर्ष ने सीखने के प्रति, विशेषकर अपने कॉलेज के दिनों में, गहरी रुचि दिखाई। कॉलेज के अंतिम वर्ष के दौरान, प्लेसमेंट से जुड़ी मुश्किलों का सामना करने के बावजूद, निरंतर सीखने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के प्रति, उत्कर्ष के समर्पण ने उन्हें वैकल्पिक रास्ते तलाशने के लिए प्रेरित किया। इस तलाश ने, उन्हें इंटरव्यूबिट प्लेटफ़ॉर्म पर समस्या-समाधान से जुड़े प्रश्नों का हल करने के लिए प्रेरित किया और इस तरह अंततः, उनका परिचय स्केलर अकैडमी से हुआ। अपनी पेशेवर यात्रा को आगे बढ़ाने की ज़रुरत को समझते हुए, उत्कर्ष कौशल उन्नयन की राह पर चल पड़े। स्केलर कार्यक्रम में नामांकन ने उन्हें व्यापक रूप से सीखने का अनुभव प्रदान किया, जिसके तहत उन्हें नवीन अवधारणाओं और प्रौद्योगिकियों से अवगत कराया गया। आवश्यकता के अनुरूप परामर्श और सुव्यवस्थित पाठ्यक्रम ने नए कौशल सीखने में मदद की। स्केलर के पूर्व छात्र उत्कर्ष द्विवेदी ने कहा “मेरा कॉलेज का सफ़र आसान नहीं था। कुछ विषयों में पास होना बाकी होने और प्लेसमेंट की प्रक्रिया शुरू होने के कारण, मुझे पता था कि मैं यह मेरे जीवन का बेहद मुश्किल भरा क्षण है। लगभग इसी समय, अभिमन्यु ने हमारे परिसर का दौरा किया और हमें इस बारे में सुझाव तथा मार्गदर्शन दिया कि हम अपने करियर को कैसे बेहतर बना सकते हैं। प्रतिस्पर्धा कठिन थी, और प्लेसमेंट के दौरान अवसर कम थे। साथ ही, आर्थिक रूप से बहुत संपन्न परिवार से न होने के कारण, मुझे पता था कि मुझे अपने परिवार का भरण-पोषण करना है। स्केलर कार्यक्रम में शामिल होने के बाद, मुझे मुख्य अवधारणाएं और विभिन्न किस्म की प्रौद्योगिकी ठीक से समझ में आई। संरक्षक (मेंटर) बहुत मददगार रहे, और पाठ्यक्रम बहुत सुव्यवस्थित था। मैं अभिमन्यु, अंशुमान और स्केलर की पूरी टीम को धन्यवाद देना चाहता हूं, जो मुझ जैसे प्रौद्योगिकी पेशेवरों की मदद करने और उनके जीवन को प्रभावित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।”