वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से 2019 में एक समिट के दौरान दोबारा राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए मदद मांगी थी। ये सनसनीखेज खुलासा ट्रंप के पूर्व सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने अपनी किताब में किया है।

अभी बाजार में नहीं आयी है किताब
बोल्टन की किताब अभी बाजार में नही आई है लेकिन इसके कुछ अंश वॉल स्ट्रीट जर्नल, द वॉशिंगटन पोस्ट और न्यू यॉर्क टाइम्स ने छापे हैं। बोल्टन की इस किताब ‘द रूम वेयर इट हैपेंड: एक व्हाइट हाउस ममोएर’ ने चुनावी साल में अमेरिकी राजनीति में भूचाल ला दिया है।

G-20 समिट के दौरान मुलाकात में मांगी थी मदद
इस किताब में बोल्टन दावा करते हैं कि जब पिछले साल जून में जापान के ओसोका में G-20 समिट के दौरान ट्रंप की मुलाकात शी जिनपिंग से हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति तब बातचीत के बीच राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बातें करने लगे। वे कहने लगे कि कैसे चीन की आर्थिक क्षमता ऐसी है कि वह देश में जारी चुनावी प्रचार अभियान पर असर डाल सकती है। बोल्टन ने लिखा है कि ट्रंप ने शी से उन्हें जिताने की अपील की।

सारे फैसले चुनावी गणना पर आधारित
बोल्टन इस किताब में एक जगह लिखते हैं, ‘मैं अपने कार्यकाल के दौरान ट्रम्प के किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय की पहचान इस रूप में नहीं कर पा रहा हूं जो सीधे-सीधे चुनावी गणना और उसमें होने वाले फायदे से प्रेरित नहीं था।’

किताब को बैन करने की कोशिश
बोल्टन की ओर से किताब में कही गई बातों ने एक बार फिर ट्रंप द्वारा यूक्रेन से राजनीतिक मदद मांगने के मुद्दे को भी छोड़ दिया है, जिसे लेकर उन पर महाभियोग भी चला। इस बीच व्हाइट हाउस की ओर से किताब को बैन करने के भी प्रयास जारी है। बुधवार को एक संघीय अदालत से इस किताब की रिलीज के खिलाफ आपातकालीन अस्थायी प्रतिबंध के आदेश के लिए कहा गया।

महाभियोग जांच का दायरा बढ़ाने का अनुरोध
बोल्टन 17 महीनों तक डोनाल्ड ट्रंप के सुरक्षा सलाहकार रहे हैं। बोल्टन ने जून 2019 की चीनी राष्ट्रपति के साथ ट्रंप की बात को एक आश्चर्यजनक कदम बताया और लिखा कि यह उन असंख्य बातचीत में से था जो उन्होंने चिंता पैदा करने वाला पाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इन अन्य घटनाओं के लिए अपनी महाभियोग जांच के दायरे का विस्तार करना चाहिए था।