वाशिंटन: भारत बायोटेक की COVID-19 वैक्सीन एक बार फिर चर्चा में है. कोवैक्सीन को अमेरिका ने इमर्जेंसी इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी है. यह भारत के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि कोवैक्सीन पूरी तरह से स्वदेशी है और भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी इसकी मान्यता के लिए अर्जी दी है. अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने इसके इमर्जेंसी इस्तेमाल के अनुरोध को ठुकरा दिया है.

हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रधान मेडिकल सलाहकार डॉ फाउची ने कोवैक्सीन के प्रभावी होने की बात को स्वीकार किया था. आशंका है कि अमेरिका के इस रुख से भारत के उस अभियान को भी झटका लग सकता है, जिसके तहत कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन से मान्यता दिलवाने में लगा है.

भारत बायोटेक के US पार्टनर ओक्यूजेन ने एफडीए के साथ वैक्सीन के इमर्जेंसी यूज ऑथराइजेशन (EUA) के लिए आवेदन किया था. ओक्यूजेन ने गुरुवार को कहा कि वो अब कोवैक्सीन के लिए आपातकालीन मंजूरी नहीं मांगेगी, बल्कि इसके एंटी कोविड शॉट की पूरी मंजूरी लेने की कोशिश करेगी. ओक्यूजेन ने कहा कि यह निर्णय यूएस एफडीए द्वारा दी गई एक सिफारिश पर लिया गया है.

एफडीए ने भारत बायोटेक को एक और क्लिनिकल ट्रायल करने को कहा था ताकि वो एक बायोलॉजिक्स लाइसेंस आवेदन (BLA) के लिए फाइल कर सके, जो पूरी मंजूरी पाने के लिए जरूरी है. ओक्यूजेन ने NYSE को दिए एक बयान में कहा, ‘एफडीए ने ओक्यूजेन को कंपनी के मास्टर फाइल के बारे में फीडबैक दिया. एफडीए ने ओक्यूजेन को सलाह दी कि उसे अपने वैक्सीन कैंडिडेट के इमर्जेंसी यूज ऑथराइजेशन की बजाय BLA के लिए आवेदन करना चाहिए. एफडीए ने वैक्सीन पर अतिरिक्त जानकारी और डेटा भी मांगा है.’

ओक्यूजेन ने कहा कि कि कोवैक्सिन के मार्केटिंग एप्लिकेशन सबमिशन के लिए इसके एक अतिरिक्त क्लिनिकल ट्रायल के डेटा की जरूरत है. ओक्यूजेन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर शंकर मुसुनुरी ने कहा, ‘भले ही हमें वैक्सीन लाने में देरी हो लेकिन हम अमेरिका में कोवैक्सीन लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’

ओक्यूजेन US की एक बायोफार्मा कंपनी है जो अमेरिकी बाजार के लिए हैदराबाद स्थित बायोटेक के साथ कोवैक्सीन बनाने का काम कर रही है. ओक्यूजेन ने हाल ही में कनाडा में वैक्सीन के बेचने के लिए विशेष अधिकार हासिल किए हैं. उसने रेगुलेटरी अप्रूवल के लिए हेल्थ कनाडा के साथ चर्चा भी शुरू कर दी है.

चीन की दोनों वैक्सीन दो विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मान्यता दे दी है. हालांकि उसकी वैक्सीन का इस्तेमाल अमेरिका में नहीं हो रहा है. अगर अमेरिका में कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मिल जाती तो भारत की स्वदेशी वैक्सीन के लिए एक कामयाबी होती.