नई दिल्ली: योगी सरकार भले ही कोरोना को कण्ट्रोल करने के कितने ही दावे कर रही हो पर लगता यूपी की जेलों में बंद क़ैदियों को उन दावों पर भरोसा नहीं है तभी मौक़ा मिलने के बावजूद वह जेल से बाहर नहीं आना चाह रहे हैं, क्योंकि अपने आपको वह जेल में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

जेल ज़्यादा सुरक्षित
जी हाँ! मामला कुछ इस तरह है कि उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जेलों में बंद 21 कैदियों ने पैरोल पर जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया है। इसके पीछे महामारी का डर बताया जा रहा है। कैदियों ने कहा है कि उनके साथ जेल में बेहतर व्यवहार किया जा रहा है और जेल में खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं।

पैरोल पर बाहर जाने से इंकार
उत्तर प्रदेश के डीजी जेल आनंद कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि प्रदेश की अलग-अलग नौ जेलों में बंद 21 दोषियों ने पैरोल पर जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि जेलों में कैदियों का खयाल रखा जा रहा है और कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन किया जा रहा है।

10,123 कैदियों को छोड़ा गया
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जेलों में संक्रमण से बचाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जा रहा था। इसके तहत विचाराधीन कैदियों और दोषियों को जमानत और पैरोल पर छोड़ा गया। जिससे जेलों में भीड़भाड़ न हो और कोरोना वायरस से बचाव हो सके। जिसके बाद राज्य में 10,123 कैदियों को छोड़ा गया था।

जेलों में ओवरक्राउडिंग
ज्यादातर जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं। इसके चलते कई बार उन्हें संभालना भी मुश्किल हो जाता है। वहीं कोरोना संकट के दौरान ज्यादा कैदियों के कारण संक्रमण फैलने का भी खतरा था। जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है।