टीम इंस्टेंटखबर
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर CJI एन वी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की स्पेशल बेंच द्वारा सुनवाई की गई.
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने यूपी सरकार से पूछा कि SIT ने यूपी के सचिव (गृह) को दो पत्र भेजे थे. SIT ने जमानत रद्द करने की सिफारिश की. इस पर आपका क्या स्टैंड है?
49 दिन बाद भी यूपी सरकार आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने पर फैसला नहीं कर पाई है. अब सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को पांच दिन दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को कहा है कि वो SIT की निगरानी कर रहे रिटायर जज की चिट्ठी पर अपना रूख साफ करे. वहीं यूपी सरकार की ओर से पेश हुए महेश जेठमलानी ने कोर्ट से कहा कि यूपी सरकार के सचिव कह रहे हैं कि उन्हें कोई पत्र नहीं मिले. जिसपर CJI ने कहा कि वो रिपोर्ट राज्य और याचिकाकर्ता को देंगे.
दरअसल SIT की निगरानी कर रहे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की अपील करने की सिफारिश की है. जज ने यूपी सरकार को चिट्ठी लिखी है.
सुप्रीम कोर्ट ने चिट्ठी पर यूपी सरकार से जवाब मांगा है. सोमवार तक यूपी सरकार को जवाब देना होगा. इस मामले पर सोमवार को अगली सुनवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस राकेश कुमार जैन की चिट्ठी को राज्य सरकार और याचिकाकर्ता को देने को कहा है.
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