लखनऊ
उच्च शिक्षा में गुणवत्तापरक सुधार और नैक रैंकिंग के लिए आवेदन हेतु आवश्यक जानकारियों के उद्देश्य से डॉ0 ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में आज दूसरे दिन सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि भारत युवाओं का देश है, पूरे विश्व की तुलना में हमारे देश में एक बड़ी युवाशक्ति है। विश्वविद्यालय ऐसे युवा तैयार करें जो विश्व में प्रतिनिधित्व करें। ऐसी शिक्षा दें जिससे हमारे देश के बच्चे भारत के विचारों, संस्कृति को विश्वस्तर पर ले जाएं। उन्होंने कुलपतियों से कहा कि वे अपने कार्य में एक आदर्श शिक्षक बनें और अपने अधीनस्थों को सिखाने के साथ-साथ उन पर भरोसा भी करें। उन्होंने कहा हर कुलपति की जिम्मेदारी है कि वह अपनी सेवानिवृत्ति से पहले अपने बाद के अधिकारियों को कार्य विशेषज्ञता तथा निपुणता का ज्ञान प्रदान करे।

कार्यशाला में नैक टीम द्वारा नैक आवेदन के समस्त सात मानदंडों पर बिन्दुवार दी गई जानकारी के लिए राज्यपाल ने सभी विशेषज्ञों का आभार जताया और कुलपतियों से कहा कि वे कल से ही इस दिशा में कार्य प्रारम्भ कर दें। उन्होंने कार्यशाला के दौरान कुलपतियों द्वारा नोट किए जा रहे आवश्यक बिन्दुओं की सराहना की और कहा कि कुलपतिगण आवश्यक जानकारियों के आपस में भी साझा करें। उन्होंने कहा आपसी साझेदारी एक बेहतर माहौल को विकसित करती है और नैक मंथन की इस कार्यशाला में कुलपतियों में बढ़े आपसी ताल-मेल दृटव्य हैं।

राज्यपाल से नैक मंथन कार्यशाला में समस्त कुलपतियों एवं उनकी नैक टीम की प्रतिभागिता को महत्वपूर्ण बताते हुए उनकी सक्रिय प्रतिभागिता की सराहना की। उन्होंने कहा अपेक्षित जानकारी प्राप्त करने के लिए कुलपतियों द्वारा विषयगत चर्चा का दोहराव उनके भ्रमों के निराकरण में सहायक रहेगा। उन्होंने कहा कि आगामी क्रम में नैक टीम के सदस्य विश्वविद्यालयों में जाकर भी उनके नैक आवेदन में सहायता प्रदान करेंगे। राज्यपाल जी ने कुलपतियों से कहा कि वे इस प्रक्रिया को गम्भीरता से समझें और इसमें विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों की प्रतिभागिता भी सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा बेहतर प्रदर्शन के लिए सबका साथ-सबका विश्वास जरूरी है।

कार्यशाला में प्रधानमंत्री के सलाहकार अमित खरे ने इस आयोजन को अद्वितीय बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों के स्तर में आवश्यक सुधार के लिए देश भर में ऐसी कार्यशाला होनी चाहिए। उन्होंने कहा उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के लिए पहली आवश्यकता नैक ग्रेडिंग है। बेहतर नैक रैंकिंग से विश्वविद्यालयों को अधिक ग्रान्ट प्राप्त होती है। नैक मंथन कार्यशाला में आज दूसरे दिन मंगलवार को माननीया राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में सत्रों में विशेषज्ञों ने विभिन्न आयामों की विस्तार से चर्चा की। सूत्रों में विशेषज्ञों ने कुलपतियों और अधिकारियों के सवालों के जवाब भी दिये। यह ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एन.ए.ए.सी) संस्थान के गुणवत्ता दर्जें को समझने के लिए महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों अथवा अन्य मान्यता प्राप्त उच्चतर शिक्षा संस्थानों के मूल्यांकन तथा प्रत्यायन की व्यवस्था करता है। राज्यपाल जी की प्रेरणा से आयोजित इस दो दिवसीय नैक मंथन कार्यशाला में नैक मूल्यांकन के लिए निर्धारित मानदंडों पर विस्तार से चर्चा करते हुए प्रदेश के विश्वविद्यालयों द्वारा नैक प्रत्यायन में सर्वोच्च श्रेणी “ए़़ ++” प्राप्त करने की दिशा में निर्देशन प्रदान किया गया।

दो दिवसीय इस नैक मंथन कार्यशाला में नैक के निदेशक डा0 एस.सी शर्मा, सलाहकार डा0 बी.एस. पानमुदिराज, सहायक सलाहकार डा0 नीलेश पाण्डेय, सलाहकार प्रो0 अमित कुमार राय, सलाहकार डा0 सुजाता पी. शानबाग, महर्षि मारकन्डेश्वर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 हरीश शर्मा, अविनाशलिंगम महिला विश्वविद्यालय के चांसलर प्रो0 एस.पी. त्यागराजन, गुवाहाटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रताप ज्योति हांडिक, रामकृष्ण मिशन विवेकानन्द एजुकेशन एण्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट से स्वामी ध्यानगम्यनंदा ने दिशा-निर्देश प्रदान करने के साथ अपने अनुभवों को साझा किया।

कार्यशाला में संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा भारत सरकार कामिनी चौहान तथा राज्यपाल अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने भी अपने विचार व्यक्त किए।