रत्नागिरि:
महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी और सीएम एकनाथ शिंदे गुट के साथ चुनाव आयोग को भी आड़े हाथ लिया. रत्नागिरी के खेड़ गांव स्थित गोलीबार मैदान में ठाकरे ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न छीन लिया है, लेकिन वह पार्टी को हमसे नहीं छीन सकते. चुनाव आयोग को केंद्र का गुलाम बताते हुए ठाकरे ने कहा कि आयोग से कहना चाहता हूं कि आपकी आंखों में मोतियाबिंद नहीं हुआ है, तो आकर देखें कि असली शिवसेना कौन है. शिवसेना का गठन आयोग के पिता ने नहीं, मेरे पिता ने किया है.

उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि क्या गोमूत्र छिड़क कर हमारे देश को आजादी मिली थी? क्या ऐसा हुआ कि गोमूत्र छिड़का गया और हमें आजादी मिली? ऐसा नहीं था, स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया, तब हमें आजादी मिली. उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया, उन्होंने सरदार पटेल का नाम चुराया. इसी तरह, उन्होंने सुभाष चंद्र बोस को चुरा लिया और बाला साहेब ठाकरे के साथ ऐसा ही किया. मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे मोदी के नाम पर वोट मांगें, न कि शिवसेना के नाम पर और बाला साहेब ठाकरे की फोटो के बिना.

ठाकरे ने यह भी कहा कि आज हमें तोड़ने की कोशिश की जा रही है. यह शिवसेना नहीं, मराठी मानुष और हिंदुत्व को तोड़ने का षडयंत्र है. जिसको कभी गली का कुत्ता भी नहीं पूछता था, आज वो हमें तोड़ने की प्लानिंग कर रहे हैं. हमें चुनाव आयोग का फैसला नहीं मंजूर है. हम सुप्रीम कोर्ट में आवाज उठाएंगे