मुंबई:
महाराष्ट्र के राजनीतिक उठापठक के बीच पार्टी का वजूद बचाने में जुटी शिव सेना ने आखिरकार बागियों के आगे घुटने टेक ही दिए और महा विकास अघाड़ी से निकलने की मांग को स्वीकार ही कर लिया। बता दें कि शिवसेना से बग़ावत करने वाले एकनाथ शिंदे और उनके साथ पार्टी के 38 विधयकों की पहली मांग यही थी थी कि शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस का साथ छोड़ना होगा।

इस बात का एलान आज शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने पत्रकार वार्ता में किया हालाँकि इसके साथ ही एक शर्त भी लगाई कि गुवाहाटी भागकर गए सारे विधायकों को अगले 24 घंटे में मुंबई लौटना होगा और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने बैठ कर बात करनी होगी.

गौरतलब है कि संजय राउत एक तरफ शिंदे समर्थक गुट के विधायकों को मुंबई लौटने का संदेश देते हुए यह कह रहे हैं कि शिवसेना महा विकास आघाड़ी से बाहर आने को तैयार है वहीँ दूसरी तरफ यह भी कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव आया तो महा विकास आघाड़ी बहुमत साबित करने में कामयाब होगी. यह दोनों बातें कैसे संभव है? वहीँ शिंदे गुट का कहना है कि पहले शिवसेना महा विकास आघाड़ी से बाहर आए, फिर हमें मुंबई बुलाएं.

संजय राउत के बयान पर कांग्रेस नेताओं की नाराजगी की बात सामने आ रही है. कांग्रेस नेताओं की शाम 4 बजे एक अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक के बाद कांग्रेस के रुख का पता चलेगा.