नई दिल्ली:
उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नरवेकर के फैसले को चुनौती दी है। पिछले दिनों महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नरवेकर ने महाराष्ट्र मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की नीत शिवसेना को असल शिवसेना कहा था।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने इसपर अस्थायी रोक लगाने की गुहार उच्चतम न्यायालय में लगाई है और शिंदे गुट के विधायकों को महाराष्ट्र विधानसभा में भाग लेने से रोकने के लिए अंतरिम राहत की मांग की। उद्धव गुट ने इसके अलावा शिंदे गुट के सभी विधायकों की सदस्यता को भी निलंबित करने की बात कही है।

शिवसेना (यूबीटी) ने याचिका में कहा है कि स्पीकर का आदेश बेहद गैरकानूनी है और उन्होंने 10वीं अनुसूची को उल्टा कर दिया है। दसवीं अनुसूची का आमतौर पर प्रयोग दल-बदल कानून के तहत होता है और इसके तहत यह बात आती है कि कोई भी निर्वाचित सदस्य अपने निजी फायदे के लिए राजनीतिक दल बदल न कर सके। याचिका में कहा गया है कि स्पीकर का यह निष्कर्ष है कि नेतृत्व संरचना शिवसेना पार्टी के संविधान के अनुरूप नहीं है और पूरी तरह से गलत है।

याचिका के मुताबिक, स्पीकर ने यह नहीं माना कि इन विधायकों की भाजपा के साथ मिलीभगत के तहत ही एकनाथ शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे। बीती 10 जनवरी को महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नरवेकर ने सीएम एकनाथ शिंदे के समर्थन में फैसला दिया था। इसके साथ ही विधायकों के बहुमत के आधार पर असली शिवसेना शिंदे गुट को ही कहा था। वहीं, स्पीकर ने किसी भी विधायक की सदस्यता को निलंबित करने की मांग को नकार दिया था।