बीजेपी तो चाहती ही है कि मुसलमान पब्लिक स्पेस से बाहर हो जाए
लखनऊ

अल्पसंखयक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों द्वारा अगले एक हफ़्ते तक ट्रेनों और बसों में यात्रा न करने की सलाहों को अनुचित बताया है। उन्होंने कहा है कि ऐसी बातों से मुसलमानों का मनोबल गिरेगा जो न उनके लिए अच्छा है और न लोकतंत्र के लिए।

कांग्रेस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि आरएसएस और भाजपा का लक्ष्य मुसलमानों को सार्वजनिक स्पेस से बाहर करना रहा है। इसी उद्देश्य के तहत ऐसी फ़िल्में बनवाई जा रही हैं जिससे मुसलमान सिनेमा हॉल से दूरी बना ले। न्यायपालिका से ऐसे फैसले आ रहे हैं जिससे मुसलमानों का न्यायपालिका पर से भरोसा उठ जाए और वो अपने खिलाफ़ होने वाले अन्यायों पर क़ानूनी लड़ाई नहीं लड़ें। इसीतरह प्रशासन और मीडिया से मुसलमानों को दूर रहने को मजबूर करने के लिए इन्हें भी सांप्रदायिक बनाया गया है। उन्होंने कहा कि अगर डर के कारण मुसलमान ख़ुद सार्वजनिक यातायात से दूरी बना लेगा तो इससे भाजपा का मुसलमानों को सेकेंड क्लास का नागरिक बनाने के एजेंडे को ही मजबूती मिलेगी।

उन्होंने कहा कि यह मानसिकता इतनी खतरनाक है कि कल मुसलमानों में यह विचार भी विकसित हो सकता है कि सांप्रदायिक माहौल के कारण मुसलमानों को कोई वोट नहीं देगा इसलिए हमें चुनाव में टिकट नहीं मांगना चाहिए बल्कि सिर्फ़ वोटर बन कर रहना चाहिए। इससे आरएसएस का मुस्लिम मुक्त संसद और विधान सभा का एजेंडा ही पूरा होगा।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मुसलमानों के लिए यह अपने संवैधानिक अधिकारों पर लगातार मजबूती से बात करते रहने और मजलूमियत की मानसिकता से बाहर निकलने का समय है। मुसलमानों को इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि उनके साथ अन्याय हो रहा है बल्कि उन्हें यह समझना होगा कि उन्हें सियासत को गंभीरता से नहीं लेने के परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं।