संभल: अल-नूर पब्लिक स्कूल, सम्भल में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश की आजादी के लिए मुजाहिदीने आजादी की सेवाओं को याद किया गया। इस वर्ष कोरोना वबाई मर्ज के फैलाव के कारण क्षात्र एवं क्षात्राओं का कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया, परंतु शिक्षकों ने एहतियाती तदाबीर पर अमल करते हुए झंडोत्तोलन के कार्यक्रम में भाग लिया। स्कूल के डायरेक्टर डॉक्टर मोहम्मद नजीब कासमी ने झंडोत्तोलन के बाद संक्षेप में भारत के इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम में उलेमाए किराम की बेलौस सेवाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज भी देश में विभिन्न समस्याएं हैं जिनका मुकाबला शिक्षा प्राप्त करके ही कर सकते हैं, इसीलिये हमने अल-नूर पब्लिक स्कूल की स्थापना की है।

अंत में डॉक्टर मोहम्मद नजीब कासमी ने स्कूल के प्रधान-अध्यापक मोहम्मद हयात वारसी और स्टाफ मेम्बर्स (मुहम्मद सहीम, अंजुम आरा, फायज़ा रहमान, रोहीना परवीन दानिया इरफ़ान, अज़रा बी, अज़रा खानम, नाज़िआ ज़ीनत और तबस्सुम जहाँ) का शुक्रिया अदा किया कि वह कोरोना वबाई मर्ज में भी स्कूल के लिये अपनी सेवाएं प्रस्तुत कर रहे हैं। अल-नूर पब्लिक स्कूल में सभी बच्चों की आनलाइन क्लासें जारी हैं और स्कूल खुलने तक जारी रहेंगी। मास्टर मकसूद हसन ने अल-नूर पब्लिक स्कूल के जिम्मेदारों को मुबारकबाद पेश करते हुए दुआ दी कि अल्लाह तआला इस शैक्षणिक संस्था को दिन दोगुनी और रात चौगुनी उन्नति प्रदान करे। इस स्कूल की आधारशिला और उद्घाटन समारोह में दारुल उलूम देवबंद, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली के महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने भाग लिया था।