नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन दिल्ली की सीमाओं पर जारी है। कल किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 9वें दौर की बातचीत होनी है। किसानों ने फैसला लिया है कि वह इस बैठक में जाएंगे और सरकार के व्यवहार को देखेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति तय करेंगे। किसानों की पहले की तरह 26 जनवरी पर टैक्टर रैली करने की योजना है। किसानों का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं होंगे तब तक घर वापसी नहीं करेंगे।

मान के इस्तीफे को सही ठहराया
क्रांति किसान यूनियन के प्रमुख दर्शन पाल ने कहा कि हम बातचीत के लिए कल (शुक्रवार) की बैठक में जाएंगे। बैठक में सरकार कैसे व्यवहार करेगी, इसके आधार पर हम तय करेंगे कि आगे क्या करना है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृषि कानूनों की समीक्षा के लिए बनाई गई समिति के सदस्य भूपिंदर सिंह मान के इस्तीफे को सही ठहराया।

गणतंत्र दिवस पर टैक्टर रैली
बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर टैक्टर रैली निकालेंगे। योजना के तहत हम लाल किले से इंडिया गेट तक जुलूस निकालेंगे। अमर जवान ज्योति पर झंडा फहराएंगे। यह एक ऐतिहासिक दृश्य होगा जहां एक तरफ से हम ‘किसान’ और दूसरे पक्ष ‘जवान’ चलेंगे।

अबतक बातचीत बेनतीजा
केंद्र सरकार और किसान संगठनों के नेताओं के बीच अब तक दोनों के बीच आठ दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई भी ठोस हल नहीं निकल सका है। अब तक प्रदूषण संबंधी पराली जलाने पर किसानों पर जुर्माना और बिजली बिल-2020 की अधिसूचना पर सहमति के बाद अब किसानों और सरकार के बीच कृषि कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी पर कानूनी गारंटी पर निर्णय न होने की वजह से दोनों पक्षों में गतिरोध बरकरार है।