टीम इंस्टेंटखबर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों की वापसी पर कहा कि सरकार निराश नहीं है. हम एक कदम पीछे हटे हैं, हम फिर आगे बढ़ेंगे। कृषि मंत्री के इस बयान से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि इन कानूनों को सरकार दोबारा पेश कर सकती है.

केंद्रीय मंत्री तोमर ने विवादास्पद कानूनों को खत्म करने के लिए “कुछ लोगों” को दोषी ठहराया. कृषि मंत्री ने कहा, “हम कृषि संशोधन कानून लाए. लेकिन कुछ लोगों को ये कानून पसंद नहीं आए. ये आजादी के 70 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़ा सुधार था. लेकिन सरकार निराश नहीं है. हम एक कदम पीछे हटे हैं, हम फिर आगे बढ़ेंगे क्योंकि किसान भारत की रीढ़ हैं.’

गौरतलब है कि तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसानों ने पिछले साल नवंबर से डेरा डाला था. इस दौरान लगभग 700 किसानों को शहीद होना पड़ा। आंदोलन के दौरान कई जगहों पर सुरक्षाबलों के साथ किसानों की हिंसक झड़प भी देखने को मिली. लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कार चढ़ा दी गई. इसका आरोप केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर है. सरकार द्वारा कानून वापसी के ऐलान के बाद किसानों ने अपनी कई और मांगे सरकार के सामने रखी थीं. जब सरकार ने उनकी सभी शर्तें मान ली, तब किसानों ने अपने प्रदर्शन वापस लिया और दिल्ली की सीमाओं को खाली किया।