स्पोर्ट्स डेस्क
किसी ने सोचा नहीं होगा कि 100 रनों का लक्ष्य हासिल करने में टीम इंडिया को नाकों चने चबाने पड़ेंगे। लखनऊ में भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया दूसरा टी20 मैच एक एंटी-क्लाइमेक्स साबित हुआ, जिसमें टी20 वाली बात नहीं थी. बस एक बात अच्छी रही कि मैच का नतीजा स्टेडियम में बैठे हजारों दर्शकों की पसंद का रहा. स्पिनरों के लिए स्वर्ग साबित हुई पिच पर सूर्यकुमार यादव की जुझारू पारी के दम पर भारत ने न्यूजीलैंड को आखिरी ओवर में 6 विकेट से हरा दिया और सीरीज में 1-1 की बराबरी हासिल की.

हर उम्मीद को तोड़ते हुए लखनऊ में रविवार 29 जनवरी को हुआ दूसरा टी20 मैच इस फॉर्मेट के लिहाज से अच्छा उदाहरण नहीं था. टी20 इंटरनेशनल के इतिहास में ये पहला मौका था, जब भारत में खेले गए मैच में दोनों में से कोई भी टीम छक्का नहीं मार पाई. यही इस मैच की स्थिति को बताने के लिए काफी है.

सिर्फ 100 रन का लक्ष्य देखने में छोटा लग रहा था लेकिन टीम इंडिया पर गंभीर घाव करने वाला था. पिछले हर टी20 मैच की तरह इस बार भी शुभमन गिल और इशान किशन की ओपनिंग जोड़ी एक दम फ्लॉप साबित हुई. गिल पहले आउट हुए, लेकिन इशान ने ज्यादा निराश किया जो 32 गेंदों में सिर्फ 19 रन बना सके. उस पर से वह लापरवाही के कारण रन आउट भी हो गए. भारतीय स्पिनरों की तरह न्यूजीलैंड के स्पिनरों ने भी बल्लेबाजों का रन बनाना मुश्किल कर दिया.

11वें ओवर में भारत ने राहुल त्रिपाठी का विकेट गंवाया. उस वक्त स्कोर 50 रन था. सूर्यकुमार क्रीज पर आ गए थे और लग रहा था कि वह अपने ही परिचित अंदाज में मैच जिता ले जाएंगे, लेकिन पहली बार वह भी संघर्ष करते दिखे. उनके स्वीप-रिवर्स स्वीप काम नहीं आए. फिर कप्तान हार्दिक पंड्या भी साथ देने आए और उनकी स्थिति भी अलग नहीं थी. हालत ये हो गई थी कि आखिरी 6 गेंदों में 6 रनों की जरूरत थी, लेकिन फिर समीकरण 2 गेंदों में 3 रन हो गया.

भारत के लिए यही करो या मरो वाली गेंद थी और इस बार सूर्या ने पूरी ताकत से गेंद को मिड ऑफ के ऊपर से खेलकर चौका हासिल किया और भारत को जीत दिलाई.सूर्या ने इस पूरी पारी में सिर्फ 1 चौका जमाया, जो ये मैच जिताऊ साबित हुआ. वह 31 गेंदों में 26 रन बनाकर नाबाद रहे. उन्होंने कप्तान हार्दिक के साथ 31 रनों की नाबाद साझेदारी कर टीम को सीरीज में हारने से बचाया.

लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी एकाना स्टेडियम में इस मुकाबले से पहले सिर्फ 5 टी20 मैच खेले गए थे. इन पाचों मैचों में जमकर रन बरसे थे और पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ही जीती थी. यही सोचकर न्यूजीलैंड के कप्तान मिचेल सैंटनर ने टॉस जीतकर बैटिंग चुनी. ये उम्मीद हालांकि, कुछ ही देर में टूट गई, जब भारतीय स्पिनरों ने कहर बरपा दिया. टीम इंडिया इस मुकाबले में 4 स्पिनरों के साथ उतरी और उसका तुरंत असर दिखा भी.