नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD ministry) ने मंगलवार को स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लासेज के लिए प्रज्ञाता (PRAGYATA) दिशानिर्देशों की घोषणा की। इसके साथ ही छात्रों के लिए एक दिन में अधिकतम स्क्रीन टाइम (screen time) और सेशन की संख्या भी तय कर दी गई है।

ऑनलाइन लर्निंग
नियमित स्कूलों की तरह ऑनलाइन क्लासेज (online classes) संचालित करने वाले स्कूलों के बारे में अभिभावकों द्वारा उठाई गई चिंताओं के बाद मंत्रालय द्वारा इन दिशानिर्देशों को तैयार किया गया है। अभिभावकों ने चिंता जताई थी कि COVID-19 महामारी के दौरान चार माह में लैपटॉप-मोबाइल-टैबलेट में बच्चों का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है, क्योंकि लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद रहने से इनका फोकस क्लास टीचिंग से ऑनलाइन लर्निंग (online learning) में बदल गया है।

क्लास शेड्यूल
“प्रज्ञाता” नामक दिशानिर्देश में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने सिफारिश की है कि पूर्व-प्राथमिक (pre-primari) क्लास के स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लास की अवधि 30 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए। वहीं, कक्षा 1 से 8 के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अधिकतम 45 मिनट के दो ऑनलाइन सेशन की सिफारिश की है। जबकि कक्षा 9 से 12 के लिए 30-45 मिनट के चार सेशन की सिफारिश की गई है।

पढ़ाई का नुकसान
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा, “COVID-19 महामारी के चलते देशभर के स्कूल बंद हो गए हैं और स्कूलों में एनरोल्ड 24 करोड़ से ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए हैं। लंबे वक्त तक स्कूल बंद रहने से पढ़ाई का नुकसान हो सकता है।”

नई कल्पना
उन्होंने आगे कहा, “महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए स्कूलों को न केवल अब तक पढ़ाने और सीखने के तरीकों को नई कल्पना के तहत फिर से तैयार करना होगा, बल्कि घर पर स्कूली शिक्षा और स्कूल में पढ़ाई के एक स्वस्थ मिश्रण के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की एक उपयुक्त विधि भी पेश करनी होगी।”

ऑनलाइन एजुकेशन पर ध्यान
उन्होंने कहा कि ये दिशानिर्देश उन छात्रों के लिए ऑनलाइन एजुकेशन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बनाए गए हैं जो घर पर मौजूद हैं। उन्होंने कहा, “दिशानिर्देश पढ़ने वालों के दृष्टिकोण से विकसित किए गए हैं। ये वर्तमान में लॉकडाउन के कारण घर पर मौजूद छात्रों के लिए ऑनलाइन, मिश्रित, डिजिटल एजुकेशन पर ध्यान केंद्रित करके तैयार किए गए हैं। डिजिटल शिक्षा पर ये दिशानिर्देश ऑनलाइन शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए एक रोडमैप या संकेत प्रदान करते हैं।”

प्रज्ञाता दिशा-निर्देश
प्रज्ञाता दिशा-निर्देशों में ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा के आठ चरण, जिनमें योजना, समीक्षा, व्यवस्था, मार्गदर्शन, याक (बात), असाइन, ट्रैक और सराहना शामिल हैं। ये आठ चरण उदाहरणों के साथ चरणबद्ध तरीके से डिजिटल शिक्षा की योजना और कार्यान्वयन का मार्गदर्शन करते हैं।

डिजिटल शिक्षा
ये दिशानिर्देश स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों के लिए साइबर सुरक्षा और गोपनीयता उपायों को सुनिश्चित करते हुए डिजिटल शिक्षा को लागू करने के लिए मूल्यांकन जरूरत,योजना और कदमों के बारे में बताते हैं। यह विशेष रूप से सक्षम छात्रों को प्रदान किए जाने वाले मदद को भी रेखांकित करता है। इसमें छात्रों के स्तर के अनुसार एक आवश्यक पैमाने के रूप में स्क्रीन समय को ध्यान में रखते हुए संतुलित ऑनलाइन और ऑफलाइन गतिविधियों पर जोर है।

इसका भी ध्यान
प्रज्ञाता घर पर बच्चों के लिए साइबर सुरक्षा उपायों के साथ शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती की आवश्यकता को समझने में माता-पिता की मदद करता है। शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के लिए दिशानिर्देश इस बात पर जोर देता है कि लंबे समय तक डिजिटल उपकरणों के उपयोग के कारण बच्चों को अत्यधिक खिंचाव या तनाव न हो या वे नकारात्मक (बैठने के दोष, नेत्र संबंधी समस्याएं और अन्य शारीरिक समस्याएं) रूप से प्रभावित न हो। इसके अलावा इसमें कर्मचारी परिस्थिति विज्ञान और साइबर सुरक्षा के संबंध में क्या करें और क्या न करें की सूची भी शामिल है।