नई दिल्ली: भारत ने पिछले वर्ष सबसे अधिक 24.04 लाख क्षय रोग के मामले अधिसूचित किये जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान 26.9 लाख मामलों का था। इससे संकेत मिलता है कि करीब तीन लाख मरीज राष्ट्रीय टीबी कार्यक्रम से छूट गए। यह बात बुधवार को क्षयरोग पर जारी एक वार्षिक रिपोर्ट में सामने आयी।
अधिकारियों ने बताया कि भारत टीबी रिपोर्ट 2020 में कहा गया है कि 2019 में क्षयरोग से 79,144 मौतें होने की जानकारी आयी जो कि डब्ल्यूएचओ के 4.4 लाख मौत के अनुमान से बहुत कम है।अधिकारियों के अनुसार अनुमानित मामलों और अधिसूचित मामलों में अंतर में काफी कमी आयी है। यह 2017 में 10 से कम होकर 2019 में 2.9 लाख हो गया है। ऐसा निजी स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र के साथ अधिक सम्पर्क और अन्य पहलों के चलते हुआ है। बता दें कि यह रिपोर्ट 2020 के नाम से जारी की गई है लेकिन इनमें आंकड़े 2019 के हैं।
अधिकारियों ने बताया कि 2019 में 24.04 लाख क्षयरोगी अधिसूचित किये गए और इस लिहाज से इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। वहीं निजी क्षेत्र में करीब 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई क्योंकि 6.78 लाख क्षयरोगी अधिसूचित किये गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए इस कार्य में सामूहिक प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि सरकार 2025 तक देश से क्षयरोग के उन्मूलन को प्रतिबद्ध है जो कि वैश्विक लक्ष्य से पांच वर्ष पहले है।
ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। जिला बार एसोसिएशन की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को जनपद न्यायाधीश दिनेश…
राबर्ट्सगंज संसदीय क्षेत्र में ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के एजेंडा लोकसभा चुनाव 2024 एवं…
(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) मोदी जी ने क्या कुछ गलत कहा था? राहुल गांधी अमेठी…
आगरादिनों दिन गिरती मोदी जी की भाषा भाजपा के हार की गारंटी है. मोदी जितना…
यौन उत्पीड़न के आरोपी जद (एस) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एसआईटी ने शिकंजा कसना…
विराट कोहली को अपने स्ट्राइक रेट के चलते कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।…