टीम इंस्टेंटखबर
चीन से शुरू हुआ बिजली संकट जर्मनी और लेबनान होता हुआ अब लगता है भारत में प्रवेश कर गया है. केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने देश में ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की कमी को स्वीकार कर चुके हैं. इस बीच पूर्व केंद्रीय ऊर्जा सचिव अनिल राजदान ने कहा है कि बिजली का कम से कम इस्तेमाल करें क्योंकि संकट गंभीर है और देश के कुछ हिस्सों में ब्लैक आउट की स्थिति बन सकती है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को कोल मूवमेंट के लिए वैगन्स की उपलब्धता कायम रखनी होगी. जल्द से जल्द कोयला खानों से उठाकर स्टेशन तक भेजना होगा. आने वाले समय मे लंबे और कठिन समय से गुजरना होगा. ऊर्जा की एफिशिएंसी और स्टोरेज का प्रबंध करना होगा, जो बहुत सस्ती नहीं है यानी लोगों को अच्छी सुविधा चाहिए तो उसकी कीमत चुकानी होगी. बिजली महंगी होगी.
बिजली वितरण कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (TPDDL) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) गणेश श्रीनिवासन ने शनिवार को कहा कि देशभर में कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन कम हो गया है और आने वाले दिनों में दिल्ली में बारी-बारी से बिजली कटौती हो सकती है.
दिल्ली में बिजली वितरण कंपनियों को बिजली की आपूर्ति करने वाले कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के पास लागू नियमनों के अनुसार 20 दिन के मुकाबले सिर्फ एक-दो दिन के लिए ही उत्पादन आवश्यकताओं को पूरा करने को कोयला भंडार है. श्रीनिवासन ने कहा, ‘परिणामस्वरूप, दिल्ली में कभी-कभी बिजली कट सकती है. हालांकि, गंभीर स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों बिजली उत्पादन के लिए कोयले की व्यवस्था करने को लेकर सक्रिय कदम उठाने पर विचार कर रही हैं.’
फतेहपुर सीकरी, आगरा, 28 अप्रैल 2024. कमज़ोर तबकों के सामने संविधान बचाने का आख़िरी मौक़ा…
ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। मोहसिना क़िदवई, राजनीतिक गलियारे का एक बहुत कद्दावर नाम। नब्बे…
एक बालिका की हालत गंभीर, मेडिकल कालेज रेफरबाबा अहमद शाह की मजार पर गुरूवार से…
ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। जिला बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव की मतगणना शांतिपूर्ण माहौल…
लखनऊ ।उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फरेंसिक साइन्स लखनऊ ने आज संस्थान को और अधिक…
(आलेख : शमसुल इस्लाम) भारत में राष्ट्रविरोधी, अमानवीय एवं धार्मिक रूप से कट्टर नागरिकता संशोधन…