लखनऊ:
भारतीय समन्वय संगठन (लक्ष्य) की लखनऊ टीम ने अपने वरिष्ठ कमांडरों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण का आयोजन लखनऊ के जानकीपुरम में लक्ष्य कमांडर राजकुमारी कौशल जी के निवास स्थान पर स्थित लक्ष्य के संपर्क कार्यालय में किया। इस प्रशिक्षण मुख्य प्रशिक्षक के रूप में डॉ सुरेश बाबू व डॉ खजान सिंह शामिल हुए।

आगे चलने वालों को निरंतर प्रशिक्षण लेना होगा ताकि वे समाज में एक अच्छा मजबूत टिकाऊ नेतृत्व प्रदान कर सके।

जिन्होंने राजनीति को आंदोलन के रूप में समझा है वे बिकाऊ नहीं टिकाऊ होते हैं और जिन्होंने राजनीति को आंदोलन नहीं अपना व्यवसाय समझा है, ऐसे लोग लाभ के चक्कर में एक दल से दूसरे दलों में दिखाई देते है वे टिकाऊ नहीं बिकाऊ होते है जिसको जैसी कीमत मिली वैसे में बिक जाते है। ऐसे नेता समाज पर हो रहे शोषण पर चुप बैठे रहते है और समाज के अधिकारों से तो उनका दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं होता है। यह आंदोलन नहीं एक छलावा है। समाज के लोगों को इस क्षेत्र में जागरूक किया जाए ताकि वे ऐसे छलावे से बच सके। यह बात प्रशिक्षकों ने अपने कमांडरों को आंदोलन की बारीकियों को समझाते हुए कही।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आंदोलन में मोह माया का कोई स्थान नहीं होता है अर्थात् आंदोलन में नेतृत्व पैदा किया जाता है। नेतृत्व आयात नहीं किया जाता है अगर नेतृत्व पैदा या तैयार नहीं किया गया है अर्थात् उसको आयात किया गया है तो वास्तव में ऐसा आंदोलन अपने लक्ष्य को कभी भी हासिल नहीं कर सकता है और ऐसा आंदोलन अपने लक्ष्य से पहले ही बिखर जाता है।

जो टिकाऊ नेतृत्व है वह महापुरुषों की तर्ज पर कार्य करता है और जो बिकाऊ होता है वह मनुवाद को मजबूत करता है।