लखनऊ: भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने गाजियाबाद जिले के एक मंदिर में नल से पानी पीने गए 14 वर्षीय अल्पसंख्यक समुदाय के बालक की मंदिर प्रबंधन से जुड़े शख्स द्वारा बर्बर पिटाई करने की कड़ी निंदा की है।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की दिल दहला देने वाली घटना एक ऐसे साम्प्रदायिक दिमाग की उपज है, जो इंसानियत व सभ्य समाज को शर्मसार करती है। उन्होंने कहा कि इस तरह का दिमाग संघ-भाजपा की विचारधारा से निर्मित होता है, जो इक्कीसवीं सदी में भी मध्ययुगीन बर्बरता का प्रदर्शन करने में नहीं हिचकिचाती। जबकि भारतीय संस्कृति में किसी प्यासे को पानी पिलाना मानवीय काम माना जाता है और छोटों से स्नेह किया जाता है। लेकिन ऊपर की घटना में पानी पीने के ‘अपराध’ में निर्दयतापूर्वक जिसे मारापीटा गया और जिसके निजी अंगों पर लात मारी गयी, वह तो फिर भी बच्चा था।

राज्य सचिव ने कहा कि मोदी-योगी की भाजपा सरकार में अल्पसंख्यकों की भीड़ हत्या (मॉब लिंचिंग) की अनेकों घटनायें हो चुकी हैं जो सरकार संरक्षित घृणा का प्रदर्शन है। गाजियाबाद की घटना ने तो कालेजा मुंह को ला दिया, जिसमें बच्चे की उम्र का भी ख्याल नहीं किया गया। ऊपर से मंदिर प्रबंधन का दुस्साहस देखिए कि बालक के साथ क्रूरता का व्यवहार करने वाले शख्स के कृत्य पर खेद जताने की जगह उसने गिरफ्तार आरोपियों का कानूनी बचाव करने और घटना को षडयंत्र बताने की बात की है, जबकि सोशल मीडिया पर वायरल बर्बर पिटाई का वीडियो खुदबखुद सच्चाई बयान करता है। माले नेता ने घटना के दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की।