तौक़ीर सिद्दीक़ी

आम तौर पर हमारे देश में किसी के जन्मदिन दिन या मरण दिन पर उस व्यक्ति को लोग अच्छे तरीके से याद करते हैं, उसके लिए कुछ अच्छी बातें करते हैं, अगर अच्छी बातें नहीं करते तो कम से कम बुरा भी नहीं कहते, मगर भारतीय जनता पार्टी की बात थोड़ी अलग है, वह ऐसे अवसरों पर भी सियासत का कोई मौका नहीं छोड़ती। ऐसा कुछ आज उसने भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती यानी बाल दिवस पर भी किया।

वैसे तो भाजपा, नेहरू गाँधी फैमिली को हमेशा कोसती रहती है और अब तो राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को भी लपेटे में ले लेती है. भाजपा देश में हर बुराई की ज़िम्मेदार नेहरू जी को ही मानती है फिर वह चाहे उनके ज़माने की बात या 2021 की बात जबकि केंद्र में भाजपा सरकार या कहिये मोदी सरकार के लगातार सात वर्ष बीत चुके हैं. अब तो एक तरह से मज़ाक सा चल निकला है, भाजपा शासित राज्यों में या देश में कहीं भी कुछ भी गलत हुआ, चाहे कानून व्यवस्था का मामला हो, बेरोज़गारी का मामला हो, मंहगाई का मामला हो, सीमा पर घुसपैठ की बात को, नक्सलियों के हमलों की बात हो, कोरोना महामारी की बात हो, यहाँ तक कि हत्या और बलात्कार के मामले हों. एक सवाल उछलता है, ज़िम्मेदार कौन?, आवाज़ आती है नेहरू।

बात आज के दिन के सन्दर्भ में हो रही है, आप सब जानते हैं कि पंडित जवाहरलाल नेहरू जो देश के पहले प्रधानमंत्री रहे , जिन्हे बच्चे प्यार से चाचा नेहरू कहते हैं (पहले तो कहते थे, अब का पता नहीं), आज उनकी जयंती है और आज का दिन यानी 14 नवंबर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने आज उनको अपने ही अंदाज़ में याद किया। यूपी भाजपा ने आज एक ट्वीट करके कहा कि “कांग्रेस की गलती की सजा देश ने भुगती सत्तर साल, भाजपा सरकार ने हटाई 370 कश्मीर हुआ खुशहाल”. आर्टिकल 370: नेहरू की वह भूल जिससे देश की अखंडता को हुआ खतरा।

वैसे भाजपा की इस तरह की हरकत से किसी को हैरानी नहीं है, वह ऐसा पहले भी करते आये हैं। कांग्रेस मुक्त भारत का उनका सपना है तो अपने सपने को साकार करने के लिए भाजपा बहुत कुछ इस तरह की हरकतें करती रहती है मगर देश है कि कांग्रेस पार्टी को लगातार बचाये हुए है, ज़िंदा रखे हुए है .

दरअसल भाजपा को भलीभांति मालूम है कि कांग्रेस है तो हर समय उसपर खतरे की एक लटकती हुई तलवार है और यही वजह है कि वह कांग्रेस को मिटाने की हमेशा बात करती है फिर वह चाहे जयंती हो या पुण्यतिथि, मृत आत्माओं को भी वह अपनी राजनीति के लिए हमेशा ज़िंदा रखती और अपने ख़ास अंदाज़ में उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करती रहती है. वह कहते हैं न कि जिसके पास जो होता है वह वही देता है, बाक़ी आप समझदार हैं.