टीम इंस्टेंटखबर
उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए सबसे बड़े दल और समाजवादी पार्टी मुख्य विपक्षी दल के रूप में दिखेगी. लेकिन इस बार विधानसभा में दलों की मौजूदगी का स्वरूप बदला-बदला दिखेगा.

इस बार सदन में एक भी निर्दलीय विधायक नहीं होगा. पिछली बार तीन निर्दलीय सदस्य चुन कर आए थे. राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन को 273 और सपा गठबंधन को 125 सीटें मिलीं हैं. दलों के हिसाब से देखें तो भाजपा को 255, सपा को 111, अपना दल (एस) को 12, रालोद को आठ, सुभासपा और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) को छह-छह, कांग्रेस और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) को दो-दो तथा बसपा को एक सीट मिली है. भाजपा गठबंधन में अपना दल (एस) और निषाद पार्टी तथा सपा गठबंधन में रालोद और सुभासपा शामिल हैं.

दलों की मौजूदगी के अनुपात में अब विधानभवन में उन्हें आवंटित होने वाले कक्षों में भी बदलाव हो सकता है. सदन में पिछली बार की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बहुजन समाज पार्टी इस बार एक सीट पर सिमट गई है, जबकि इस बार अपना दल (सोनेलाल) तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है.