उत्तर प्रदेश

यूपी की तस्वीर रोजगार के देशव्यापी संकट से अलग नहीं

  • प्रयागराज में रोजगार आंदोलन का दूसरा दिन, हाईकोर्ट अधिवक्ताओं का मिला समर्थन
  • कल प्रधानमंत्री व राज्यपाल को भेजा जाएगा ज्ञापन

प्रयागराज: 5 लाख रिक्त पदों को भरने, हर युवा को गरिमापूर्ण रोजगार की गारंटी और रोजगार मिलने तक जीवननिर्वाह लायक बेकारी भत्ता जैसे मुद्दों को लेकर युवा मंच संयोजक राजेश सचान, अध्यक्ष अनिल सिंह व ईशान के नेतृत्व में रोजगार आंदोलन व धरना प्रदर्शन दूसरे दिन भी पत्थर गिरजाघर सिविल लाइंस में जारी रहा।

धरना प्रदर्शन में युवाओं ने मोदी-योगी सरकार की जनविरोधी व रोजगार विरोधी नीतियों के विरोध में जोरदार नारेबाजी व आम सभा की। युवा मंच पदाधिकारियों ने कहा कि देश में सिर्फअगस्त 2021 में ही 15 लाख रोजगार खत्म हुए। इसके पहले भी अनवरत करोड़ों नागरिकों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है। उत्तर प्रदेश की तस्वीर रोजगार के देशव्यापी संकट से अलग नहीं है। प्रदेश में बेकारी की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आंगनबाड़ी, पंचायत सहायक आदि 5-6 हजार रुपए की मानदेय नौकरियों के लिए एमटेक, एमबीए, एमसीए, पीएचडी योग्यता वाले हजारों युवा आवेदन कर रहे हैं। फर्जी व झूठे आंकड़ों के सहारे रिकॉर्ड रोजगार के प्रोपेगैंडा में अरबों रुपये पानी की बहाने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है। शिक्षा, पुलिस समेत सभी विभागों में 5 लाख से ज्यादा रिक्त पदों को भरने की बात कौन कहे कोरोना काल में 34 साल से महिला सशक्तिकरण के लिए संचालित महिला समाख्या के कार्यक्रम में बंद कर सैकड़ों महिलाओं व युवाओं की नौकरी छीन ली गई। 2016 में बीपीएड के 32 हजार पदों के विज्ञापन को रद्द करने समेत योगी सरकार ने लाखों नौकरियों को खत्म किया है। इसी तरह वादा किया गया था कि पारदर्शी चयन प्रक्रिया होगी लेकिन हर भर्ती में पेपर लीक, नकल माफियाओं व अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार-धांधली के गंभीर आरोप लगे हैं। टीजीटी परीक्षा-2016 इसका ज्वलंत उदाहरण है जिसमें मा. हाईकोर्ट के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए पेपर लीक व धांधली को अंजाम दिया गया। कोरोना काल में महिला समाख्या बंद होने से बेरोजगार हुई महिलाएं व युवा आंदोलन में शामिल रहे और उनकी बहाली को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र भी प्रशासन को सौंपा गया।

कल जिलाधिकारी कार्यालय में रोजगार की मांग को लेकर ज्ञापन देने जा रहे छात्रों पर लाठीचार्ज की निंदा का प्रस्ताव पारित किया गया और मुख्यमंत्री ने मांग की गई कि दमन के बजाय रोजगार के सवाल को हल करें। हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने रोजगार आंदोलन का समर्थन किया। एडवोकेट विनय प्रकाश पाण्डेय, एडवोकेट अश्विनी कुमार सिंह, एडवोकेट अरूण पाल व एडवोकेट आशुतोष तिवारी समेत कई अधिवक्ता धरना प्रदर्शन में शामिल भी हुये। इस मौके पर युवा मंच संयोजक राजेश सचान, अध्यक्ष अनिल सिंह, ईशान, सीपीएम डिग्री कालेज के पूर्व अध्यक्ष करन सिंह परिहार, शोध छात्र व जय किसान आंदोलन के पूर्वांचल प्रभारी अश्विनी यादव, सुशीला, प्राथमिक शिक्षक भर्ती के नेता राकेश पाण्डेय उर्फ बंटी पाण्डेय, धर्म राज यादव, महिला समाख्या से संदीप, सुशीला, सरोज, विमला राय समेत बड़े पैमाने पर युवा शामिल रहे। युवाओं से अपील की गई कल 11 बजे धरना प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे।

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