देर शाम तक जारी रहा साहित्यिक आयोजनों का दौर

लखनऊ ब्यूरो
मोती महल लॉन में चल रहे नेशनल बुक फेयर के तीसरे दिन छुट्टी का दिन होने के नाते पुस्तक प्रेमियों का उत्साह खूब दिखाई दिया। रविवार होने की वजह से देर रात तक मुख्य मंच पर रौनक रही। गोष्ठी परिचर्चा और किताबों के विमोचन कार्यक्रम हुए। 10 दिवसीय 18वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला राणाप्रताप मार्ग स्थित मोतीमहल वाटिका में चल रहा है। केटी फाण्डेशन व फोर्सवन द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव थीम पर मुफ्त प्रवेश वाले मेले में पुस्तक प्रेमियों को हर किताब पर कम से कम 10 फीसदी छूट मिल रही है।

तीसरे दिन पुस्तक मेले में खासकर महिलाओं, बच्चों और युवाओं का उत्साह देखते बना। बच्चों ने क्रॉफ्ट बुक और गेम्स खरीदे। वहीं महिलाओं ने किताबें और जरुरत की चीजें खरीदीं। मेले में बच्चों के लिए विशेष रुप से बुक्स, ड्राइंग, गेम्स, कंप्यूटर सहित अन्य विषयों की बुक्स विभिन्न् स्टॉलों पर मौजूद हैं। मैविल प्रेस के योगेश ने बताया कि हमारे पास बच्चों के लिए राइटिंग, कलरिंग, क्रॉफ्ट व एक्टीविटी बुक और नॉवेल हैं। इसी तरह अरिहंत पब्लिकेशन, स्कॉलर्स हब के विपिन बजाज ने बताया कि हमारे पास बच्चों के लिए फिक्शन, वर्कशेप, फ्लेश कार्ड, ओलंपियाड और अन्य विषयों पर किताबें ज्यादा बिक रहीं हैं। प्रभात पेपर बैक में भी जनरल नॉलेज, प्रतियोगी किताबों के अलावा छठी से 7वीं क्लास तक के बच्चों के लिए विभिन्न आवासीय महाविद्यालयों के इंट्रेस की बुक बिक रहीं हैं। निखिल प्रकाशन के मोहन मुरारी शर्मा ने बताया कि मेरे पास बच्चों की कहानियां, कविताएं और बाल उपन्यास खूब बिक रहें हैं। इकतारा ट्रस्ट भोपाल के स्टाल पर बच्चों की किताबों का रोचक संसार है l

संयोजक मनोज सिंह ने बताया प्रदेश के इस सबसे बड़े प्रतिष्ठित पुस्तक मेले में वाणी, स्कालर्स हब, एंजल बुक हाउस, निखिल पब्लिशर्स, सम्यक प्रकाशन, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, राजकमल, रामकृष्ण मिशन, ऋषि पब्लिशर्स, गायत्री ज्ञान मंदिर, वैदिक साहित्य, स्कालर्स हब, रितेश बुक व कलाकुंज जैसे वितरकों व प्रकाशकों की सौ से अधिक स्टाल लगे हैं। गायन एवं नृत्य, प्रश्नोत्तरी, ड्राइंग, स्लोगन लेखन, कहानी लेखन प्रतियोगिता, जादू-कठपुतली शो के साथ बच्चों के लिए ऑनलाइन प्रतियोगी कार्यक्रम भी हो रहे हैं।

नवसृजन साहित्यिक संस्था के हुए कवि सम्मेलन हुए के अध्यक्ष साहित्यकार डॉ.रंगनाथ मिश्र सत्य, संचालक देवेश द्विवेदी और मुख्य अतिथि साहित्यकार डॉ.एस.एस. हाशमी थे। अनिल किशोर शुक्ल निडर की वाणी वंदना में शुरु हुई काव्य गोष्ठी में राम प्रकाश शुक्ल, अनिल किशोर, मुकेश कुमार मिश्र, विशाल मिश्र, लव तिवारी, डॉ योगेश, देवेश, मंजू सहित कई रचनाकारों ने प्रभावी काव्यपाठ किया। इसके बाद कथाकार महेंद्र भीष्म के कहानी संग्रह ‘बड़े साब‘ का विमोचन हुआ। अशोक मेहरोत्रा की वाणी वंदना के बाद महेंद्र भीष्म ने किताब के बारे में बताया। किताब के विमोचन के समय डॉ.रत्ना श्रीवास्तव, आशीष कुलश्रेष्ठ, पायल सिंह, सत्या सिंह, देवकीनंदन शांत, आईएएस जगदीश प्रसाद चौरसिया, रामप्रकाश त्रिपाठी प्रकाश, पूर्व जनपद न्यायाधीश ने अशोक कुमार चौधरी, निबंधक उच्च न्यायालय लखनऊ पीठ मृतुंजय मिश्र भी मौजूद थे।

मेले में वाणी प्रकाशन द्वारा विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की किताबों ज्ञान का ज्ञान, अथर्ववेद का मधु, ऋग्वेद: परिचय पर परिचर्चा हुई। कार्यक्रम में हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि वामपंथी विचारधारा के बौद्धिकजनों ने भारत के इतिहास को अंधकार काल की उपमा दी है। सत्य यह है कि इस देश का इतिहास हमेशा ज्ञान का सोपान रहा है। प्रो.गिरीश ने कहा कि हृदय नारायणजी का साहित्य संसार भारत के हर क्षेत्र में हर छात्र के पास पहुंचना अनिवार्य है। क्योंकि इतिहासबोध के साथ सामाजिक दायित्व की ओर युवा उन्मुख हो सकें।

मुख्य वक्ता डॉ.ओम प्रकाश पांडेय, मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो.गिरीशचंद्र त्रिपाठी, वक्ता सर्वेश अस्थाना, अतिथि वक्ता अंशुमन द्विवेदी और संचालक वीरेंद्र सागर थे। वाणी प्रकाशन की कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी सहित अनेक साहित्यप्रेमी मौजूद थे।

शाम को राजकमल प्रकाशन की ओर से भारत के प्रधानमंत्री: देश, दशा व दिशा पुस्तक का लोकार्पण हुआ। जिसमें पूर्व सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह, शरद प्रधान, डॉ रमेश दीक्षित, इमाम ईदगाह मौलाना खालिद फिरंगी महली, रशीद किदवई, प्रदीप कपूर, बृजेश शुक्ला और कमाल खान शामिल थे।