दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने अपने प्रतिनिधि को भेजकर मधुसूदन मिस्री से नामांकन पत्र मंगवाए हैं. उनके सामने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कड़ी चुनौती है.

यह दो दशकों में पहला चुनाव होगा जिसमें अध्यक्ष पद के लिए डिफ़ॉल्ट विकल्प के रूप में कोई गांधी नहीं होगा. राहुल गांधी, जो वर्तमान में पार्टी की “भारत जोड़ो” यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं, ने गहलोत सहित अपनी पार्टी के सदस्यों की अध्यक्ष के रूप में लौटने की अपील को दृढ़ता से अस्वीकार कर दिया है. उन्होंने 2019 के आम चुनाव की हार के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. सोनिया गांधी, जो राहुल गांधी के कार्यभार सौंपने के पहले भी 19 साल तक कांग्रेस अध्यक्ष थीं, तब से अंतरिम कांग्रेस प्रमुख हैं.

अध्यक्ष का चुनाव पिछले एक साल में कई प्रमुख नेताओं के पार्टी छोड़ने की पृष्ठभूमि में हो रहा है. वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी सबसे अंत में छोड़ी थी. उनके पार्टी से बाहर निकलने का पार्टी की जम्मू और कश्मीर इकाई के अधिकांश नेताओं ने अनुकरण किया था. पार्टी नेतृत्व में व्यापक बदलाव की मांग उठने के बाद से कांग्रेस कई राज्यों के चुनाव हार गई.

अंतिम गैर-गांधी कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी थे. नरसिम्हा राव सरकार के बाहर होने के लगभग दो साल बाद मार्च 1998 में सीताराम केसरी की जगह सोनिया गांधी पार्टी अध्यक्ष बनी थीं.