ग्रामीणो मे दहशत का आलम, वन विभाग की कार्यशैली को लेकर आक्रोश

रिपोर्ट-रमेश चन्द्र गुप्ता

रमेश चन्द्र गुप्ता

बहराईच: कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के ककरहा वन रेंज से सटे ग्रामों में तेन्दुआ आतंक का पर्याय बना हुआ हैै। विगत एक सप्ताह के अन्दर तेन्दुआं दो मासूमो की जान ले चुका है और एसआई, वन वाचर समेत आधा दर्जन से अधिक लोगो पर हमला कर घायल कर चुका है। तेन्दुएं की आमद व हमले से ग्रामीणो मेें दहशत का माहौल है। ग्रामीण अंचलो में रोजाना तेन्दुएं के हमले के बाद लोग रात तो क्या अब दिन में घर से बाहर निकलने से कतराने लगे है।
प्राप्त सूचना के अनुसार सोमवार की देर रात करीब 9 बजे मुर्तिहा कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मझरा के मजरा धोबियनपुरवा में जंगल से निकले तेन्दुएं ने घर के बाहर खड़ी रोशनी (8) पुत्री रफीक पर अचानक हमला कर दिया। तेन्दुएं द्वारा गर्दन पर हमला किये जाने से बालिका ने दर्द से तड़पकर दम तोड़ दिया। बालिका की चीख-पुकार सुन दौड़े परिजनो व ग्रामीणो के हांका लगाने पर तेन्दुआ बालिका को छोड़कर जंगल की ओर चला गया। इस घटना से जहां मृतक बालिका के परिजनों में हाहाकार मचा है, वही क्षेत्रीय लोगों में वन विभाग की कार्यशैली को लेकर आक्रोश है।

तेन्दुएं के हमले मे बालिका की मौत की खबर मिलते ही रेंजर इरफान अंसारी, वार्डेन ए.के. पाण्डेय, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के दबीर हसन, एसडीएम ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी व कोतवाल अशोक कुमार वन व पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और बालिका के शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेजा। डी.एफ.ओ. जी.पी. सिंह के अनुसार पीड़ित परिवार को मुआवजे हेतु प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि ककरहा रेंज से सटे कई गांवो मेें तेन्दुआ पिछले एक सप्ताह से आतंक का पर्याय बना हुआ है और कई लोगो पर हमला कर घायल कर चुका है। इसी रेंज के पटहा गौढ़ी में 4 जून को तेंदुएं ने कोतवाली के दारोगा, वाचर सहित छह लोगों को घायल कर दिया था। जबकि थाना खैरीघाट के ग्राम डल्लापुरवा मेें भी 4 जून की शाम तेन्दुएं ने हमलाकर मोतीलाल के 3 वर्षीय पुत्र विकल को मौत के घाट उतार दिया था।