लखनऊ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के संयोजक अशोक सिंह ने भाजपा शासन के साढ़े चार वर्ष पूरे होने के मौके पर कहा कि सीएम योगी के तमाम दावों के उलट, उत्तर प्रदेश हत्या,लूट,दुराचार व अन्य जघन्य अपराधों में देश में नंबर वन बन गया है। इस सरकार में किसान, नौजवान, शिक्षक, राज्य कर्मचारी, महिलाएं सब तरफ उत्पीड़न शोषण का सत्ता के संरक्षण में शिकार होकर खून के आंसू रोने के लिये विवश है।

श्री सिंह ने NCRB के ताज़ा आंकड़ों का हवाला देते हुए सवाल किया कि महिला उत्पीड़न, हत्या व जघन्य अपराधों में उत्तरप्रदेश टॉप पर कैसे पहुच गया जबकि सरकार का दावा तो यह है कि अपराधी या तो जेलों में है या राज्य की सीमा के बाहर? जनता योगी जी से सवाल पूछ रही है कि वे बतायें कि आख़िर इस बदहाली का ज़िम्मेदार कौन है?

श्री सिंह ने कहा कि सेन्टर फॉर मानिटरिंग इंडियन इकोनामी (CMIE) के ताजा आकलन ने यूपी में बेरोजगारी की भयावहता की स्थिति सामने ला दी है। बेरोज़गारी दर यूपी में तेजी से बढ़ी है। रोजगार मांगने वालों पर योगी जी की पुलिस की लाठिया चटक रही है उस पर तुर्रा यह कि यहां सब ठीक है। प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर बेरोजगार नौजवान राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस मनाने को विवश हैं, राज्य में डॉक्टर्स, टेक्नीशियन, नर्सों के 45 हजार, पुलिस विभाग में 01 लाख व अध्यापकों के लगभग 2 लाख पद रिक्त है। राज्य की अर्थव्यवस्था पतली है। सरकार अनुपूरक बजट में किसानों के लिये 200 करोड़ की व्यवस्था करती है तो विकास के झूठे दावों के प्रचार के लिए 500 करोड़ का बजट आवंटित करने में शर्म महसूस नही करती। राज्य में खत्म होते कारोबार, चौपट खुदरा कारोबार को सरकार सहारा देने को तैयार नही हैं और आम उपभोक्ता और किसान देश में सबसे महंगी बिजली खरीदने के लिए विवश हैं। स्मार्ट मीटर के नाम पर हुई लूट कोई नही भूला है। राज्य में एक भी बड़ा उद्योग या पावर प्रोजेक्ट नही लगा फिर भी योगी जी विकास की ढोल बजा रहे है।

मीडिया संयोजक अशोक सिंह ने कहा कि योगीराज में संगठित भ्रष्टाचार की जड़े गहरी हुई हैं। योगी जी की ठोंको नीति ने कानून का खात्मा किया फिर भी यह सरकार निर्लज्जतापूर्वक इतरा रही है। यही नही उसने किसान नौजवान के जीवन के साथ पिछले साढ़े चार वर्ष में सिर्फ खिलवाड़ किया है यही है। योगी सरकार की उपलब्धि है।

श्री सिंह ने कहा कि कोरोना में हुई असख्य मौतों के लिये योगी सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है क्योंकि आईसीएमआर के सिरो सर्वे के अनुसार उत्तरप्रदेश में योगी सरकार की टेस्टिंग व्यवस्था इतनी घटिया थी कि सक्रिय प्रति 100 कोरोना मरीजों के मामले में मात्र एक मामला जांच में पकड़ में आ रहा था। सर्वे के मुताबिक यूपी में लगभग 16 करोड़ कोरोना संक्रमित थे लेकिन सरकार ने आंकड़ों में हेरा फेरी कर लाखों लोगो को मौत के मुँह में ढकेल दिया। यही स्थित डेंगू और दूसरी गम्भीर बीमारियों में रही जबकि मुख्यमंत्री पीकू वार्डो की स्थापना का जोरदार प्रचार कर रहे थे, उसी समय फिरोजाबाद, आगरा सहित राजधानी लखनऊ में जानलेवा वायरस से 200 बच्चों की मौत इलाज के अभाव में हो गयी। अस्पतालों में जरूरतमंद मरीजों के लिये रक्त तक उपलब्ध नही हुआ।

अशोक सिंह ने योगी सरकार के झूठ पर प्रहार करते हुए कहा कि बेरोजगारी, हत्या, अपराध महिलाओं के साथ दुराचार की बयार है क्योंकि यूपी में योगी महाराज की सरकार है।