इस्राएली कंपनी NSO के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस (Pegasus) से हुई कथित जासूसी से पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है, भारत में भी इस जासूसी हथियार के इस्तेमाल की ख़बरों से सड़क से लेकर संसद तक हंगामा मचा हुआ है. विपक्ष इस मामले में केंद्र सरकार पर सवालों की झड़ी लगाए हुए है, संसद का मानसून सत्र (monsoon session) अब तक पूरी तरह बाधित है, सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर संसद न चलने देने का आरोप लगा रहे हैं, वहीँ अब इस विवादस्पद मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है.

उच्चतम न्यायालय वरिष्ठ पत्रकार एन. राम (N Ram) की निष्पक्ष जांच कराने वाली याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है. अगले हफ्ते मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले में सुनवाई करेगी.

अपनी याचिका में वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार ने जासूसी के आरोपों की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) की मांग की है। एन राम के वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस से याचिका को सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हुए कहा कि व्यक्ति की स्वाधीनता से इसका सीधा संबंध है इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए।

याचिका में कहा गया है कि कई प्रमुख मीडिया संस्थानों से जुड़ी एक वैश्विक मीडिया जांच से पता चला है कि भारत में 142 से अधिक व्यक्तियों पर इजरायली फर्म एनएसओ के बनाए पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus spyware) का उपयोग कर निगरानी में रखा गया। निगरानी में रखे गए संभावित लोगों की सूची में कई पत्रकार, नेताओं और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के नाम भी शामिल हैं।