दिल्‍ली:
कार्यपालिका और न्‍यायपालिका के बीच कॉलेजियम को लेकर काफी समय से चल रही खींचतान के बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के लिए पांच न्‍यायाधीशों के नामों को मंजूरी दे दी है. शीर्ष अदालत के कठिन सवालों का सामना करते हुए केंद्र सरकार ने एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि पांच जजों की नियुक्ति को लेकर लंबित सिफारिशों पर रविवार तक घोषणा कर दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों पर राष्‍ट्रपति ने मुहर लगा दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट को पांच नए जज मिले हैं. पांचों जज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के जजों के रूप में शपथ लेंगे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्‍या बढ़कर 32 हो जाएगी. शेष दो सिफारिशों पर अगले हफ्ते नियुक्ति हो सकती हैं.

जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस संजय करोल, जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस मनोज मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्त करने का वारंट जारी किया गया है.

13 दिसंबर 2022 को कॉलेजियम ने राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मित्तल, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीवी संजय कुमार, पटना हाईकोर्ट के जज जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस मनोज मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट जज बनाने की सिफारिश की गई थी. केंद्र सरकार ने अभी तक उनकी नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी थी.

एक दिन पहले ही जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के तबादले की सिफारिशों को मंजूरी देने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई थी और इसे “बहुत गंभीर मुद्दा” बताया था. साथ ही उन्‍होंने चेतावनी दी थी कि इस मामले में देरी का परिणाम प्रशासनिक और न्यायिक दोनों तरह की कार्रवाई हो सकता है.