SEBI ने अडानी ग्रुप का नाम लिए बिना कहा है किपिछले सप्ताह एक बिजनेस समूह के अलग-अलग शेयरों के दाम में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. इसके साथ ही SEBI ने कहा कि बाजार के सुचारू, पारदर्शी और कुशल तरीके से काम करने के लिए किसी खास शेयरों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से निपटने को लेकर सभी निगरानी व्यवस्था मौजूद हैं। अगर किसी खास मामले में कोई जानकारी SEBI के संज्ञान में आती है, तो उसकी जांच की जाएगी और उचित जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

सेबी से पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने 2 फरवीर को अडानी ग्रुप की 3 कंपनियों को अतिरिक्त निगरानी वाले शेयरों की सूची ‘ASM’ में डाल दिया था। इन कंपनियों में अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स शामिल है।

SEBI से एक दिन पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी अडानी ग्रुप के संकट पर बयान जारी किया था। आरबीआई ने कहा था कि बैंकिंग सेक्टर मजबूत और स्थिर बना हुआ है। आरबीआई के इस आश्वासन के बाद अडानी ग्रुप में बैंकों के एक्सपोजर को लेकर हाल के दिनों में बनी चिंता कम हुई।

बता दें कि मेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयर ऐसे टूटे कि मार्केट कैपिटलाइजेशन (M-cap) 10 लाख करोड़ डूब हो गया. पिछले सात कारोबारी सत्रों में अडानी ग्रुप के शेयरों का मार्केट कैप लगभग 50 फीसदी गिर गया. अडानी समूह की कंपनियों ने पिछले सात कारोबारी सत्रों में लगभग 9 लाख करोड़ रुपये का एम-कैप गंवा दिया है. अडानी समूह का कुल मार्केट कैप 19.2 लाख करोड़ रुपये से घटकर 3 फरवरी को लगभग 10 लाख करोड़ रुपये पर आ गया.