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केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को IIT-Madras में 5G कॉल का सफल परीक्षण किया. वीडियो और वॉइस कॉल कर उन्होंने 5G कॉल का टेस्ट किया.

बता दें कि इसे भारत में ही डिजाइन और विकसित किया गया है. सफल परीक्षण के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमें आईआईटी मद्रास टीम पर गर्व है, जिसने 5G टेस्ट पैड को विकसित किया है, जो संपूर्ण 5G विकास पारिस्थितिकी तंत्र और हाइपरलूप पहल को बड़े अवसर प्रदान करेगा.

बता दें कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा था कि 5G सेवाओं के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं. देश में इस साल सितंबर-अक्तूबर से स्वदेशी 5G सेवा शुरू हो जाएगी. उन्होंने ये भी कहा था कि 5G के जरिए देश में डेढ़ लाख से अधिक रोजगार पैदा होने की संभावना है.

गौरतलब है कि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा था कि अगले डेढ़ दशकों में 5G से देश की अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर का योगदान होने वाला है और इससे देश की प्रगति और रोजगार निर्माण के अवसर को गति मिलेगी.

उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के संपर्क यानी कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी. इस दौरान पीएम मोदी ने आईआईटी मद्रास के नेतृत्व में कुल आठ संस्थानों द्वारा बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित 5जी टेस्ट बेड की भी शुरुआत की. इसके अलावा उन्होंने एक डाक टिकट भी जारी किया था.