हमीरपुर ब्यूरो
विश्व मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के तीसरे दिन राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर छात्राओं को छात्र जीवन में उत्पन्न होने वाली मानसिक स्थितियों से रूबरू कराया गया।
कार्यक्रम में जिला अस्पताल की साइको थेरिपिस्ट डॉ.नीता ने कहा कि छात्र जीवन उतार-चढ़ाव से भरा होता है। जीवन का यही काल आपका भविष्य तय करता है। कई बार इस अवस्था में उत्पन्न होने वाली स्थितियों को छात्र ठीक तरह से समझ नहीं पाते और न ही अपने करीबियों को इससे अवगत कराते हैं। जिसकी वजह से वह मानसिक तनाव में चले जाते हैं और कई बार आत्मघाती कदम भी उठा लेते हैं। खासतौर से परीक्षाओं के दौरान नंबर कम आने या फिर फेल होने की स्थिति में कई छात्र अपना जीवन समाप्त कर लेते हैं, जो कि ठीक नहीं है। छात्र जीवन में उतार-चढ़ाव आता-जाता रहता है, इससे डटकर मुकाबला करना है, इसके आगे सरेंडर नहीं करना है। कभी भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मोबाइल फोन का भी कम से कम प्रयोग करने की सलाह दी गई। मोबाइल की वजह से व्यवहार में परिवर्तन के केस बढ़ रहे हैं। तमाम प्रकार के वीडियो गेम हैं, जिन्हें खेलना जोखिम भरा हो सकता है। इससे भी बचना है।
इस मौके पर एनएचएम के डीपीएम सुरेंद्र साहू, जिला क्वालिटी इम्प्रूवमेंट मेंटर आकांक्षा यादव, आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर गौरीश राज पाल और जीजीआईसी का समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
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