नई दिल्ली: अपनी लागत को ऑप्टिमाइज करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) की प्लानिंग की है. इसके तहत लगभग 30190 कर्मचारी आएंगे. एसबीआई के कुल कर्मचारियों की संख्या मार्च 2020 के आखिर तक 2.49 लाख थी. मार्च 2019 तक यह संख्या 2.57 लाख थी. सूत्रों के मुताबिक, वीआरएस के लिए एक ड्राफ्ट स्कीम तैयार हो चुकी है और बोर्ड की मंजूरी का इंतजार है. प्रस्तावित स्कीम का नाम ‘Second Innings Tap VRS-2020’ है.

ड्राफ्ट स्कीम एसबीआई के ऐसे कर्मचारियों को सम्मानपूर्वक नौकरी छोड़ने का रास्ता उपलब्ध कराएगी, जो अपने ​करियर के पूरे होने के पड़ाव पर पहुंच चुके हैं, जिनकी परफॉरमेंस बेहद उच्च स्तर की नहीं है, जिनके साथ कुछ व्यक्तिगत समस्याएं हैं या बैंक के बाहर अपनी प्रोफेशनल/पर्सनल लाइफ चाहते हैं.

SBI की वीआरएस स्कीम ऐसे सभी स्थायी अधिकारियों और स्टाफ के लिए खुली होगी, जिन्होंने निर्धारित तारीख तक बैंक को 25 साल की सेवा दी होगी या 55 साल की उम्र पूरी कर चुके होंगे. स्कीम 1 दिसंबर से फरवरी आखिर तक खुली रहेगी. इसी अवधि में वीआरएस के लिए आवेदन स्वीकार किए जाएंगे. प्रस्तावित एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के मुताबिक, कुल 11565 अधिकारी और 18625 स्टाफ मेंबर्स वीआरएस स्कीम के लिए योग्य होंगे.

कहा गया कि अगर स्कीम के तहत रिटायरमेंट के लिए योग्य कर्मचारियों में से 30 फीसदी वीआरएस स्कीम को अपनाते हैं तो जुलाई 2020 की सैलरी पर आधारित अनुमान के मुताबिक एसबीआई को 1,662.86 करोड़ रुपये की बचत होगी. जिन स्टाफ मेंबर्स की वीआरएस के तहत रिटायरमेंट की अपील मानी जाएगी, उन्हें वास्तविक रिटायरमेंट डेट तक बची हुई सेवा अवधि के लिए सैलरी का 50 फीसदी एक्स ग्रेशिया के रूप में मिलेगा. अन्य फायदे जैसे ग्रेच्युटी, पेंशन, प्रोविडेंट फंड और मेडिकल बेनिफिट्स भी वीआरएस लेने वाले इंप्लॉइज को मिलेंगे. स्कीम के तहत रिटायर होने वाले स्टाफ मेंबर रिटायरमेंट की तारीख से लेकर 2 साल तक की निश्चित समयावधि के बाद बैंक के साथ दोबारा जुड़ने के योग्य होंगे.